हाथी के बच्चे को मार धान के खेत में गाड़ दिया, नाबालिग समेत 13 पकड़ाए; हाथियों ने लिया बदला

इन हाथियों ने एक युवक को मार डाला और तीन पशुओं को भी मौत के घाट उतार दिया था। वन विभाग ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर 20 अक्टूबर को विन विभाग के अधिकारियों ने हाथी के शव को बरामद कर लिया।

हाथी के बच्चे के कत्ल के मामले में वन विभाग ने 13 लोगों को पकड़ा है। इनमें से एक आरोपी नाबालिग है। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर हाथी के बच्चे को मारा और फिर उसकी डेड बॉडी को धान के खेत में गाड़ दिया। मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का हैं। शुरुआती जांच के दौरान पता चला है कि 18 अक्टूबर को पासन फॉरेस्ट रेंज के अंतर्गत आने वाले बानिया गांव में एक खेत में आरोपियों की नजर हाथी के बच्चे पर पड़ी थी। इसके अगले ही दिन इन्होंने हाथी के बच्चे को जहर देकर मार डाला। खटघोरा  डिविजनल ऑफिसर प्रेमलता यादव ने इस बात की जानकारी दी है।

बताया जाता है कि इसके बाद 44 हाथियों के एक झुंड ने हाथी के बच्चे की मौत का बदला लिया। इन हाथियों ने मिलकर देवमत्ति गांव में आतंक मचाया। इन हाथियों ने एक युवक को मार डाला और तीन पशुओं को भी मौत के घाट उतार दिया था। गुप्त सूचना के आधार पर 20 अक्टूबर को विन विभाग के अधिकारियों ने हाथी के शव को बरामद कर लिया। इसके बाद इस मामले में हाथी के बच्चे को मार डालने को लेकर एक जांच शुरू की गई है। जांच-पड़ताल के दौरान पता चला कि खेत में हाल ही में धान रोपा गया था। इस मामले में वाइल्डलाइफ (सुरक्षा)की धारा 1972 के तहत केस दर्ज किया गया था।

वन विभाग ने यह भी बताया है कि इस हत्याकांड में जिस नाबालिग को पकड़ा गया है उसकी उम्र 16 साल है। अधिकारियों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूला। बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हाथियों और इंसानों के बीच अक्सर भिड़ंत हो जाती है और यह एक गंभीर विषय भी है। सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजबुर, गारियाबाद, जशपुर और बलरामपुर ये कुछ ऐसे जिले हैं जहां अक्सर इंसान और गजराज आमने-सामने आ जाते हैं।

वन विभाग के मुताबिक, पिछले तीन सालों में हाथियों के हमले में कम से कम 210 लोगों की जान गई है। इसके अलावा पिछले चार सालों में यहां करीब 47 हाथियों की भी मौत हो चुकी है। कई हाथियों की मौत करंट लगने से भी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।