इसके बाद, पुलिस इंस्पेक्टर ने नाबालिग को उसकी मौसी को सौंप दिया, जिसने बच्ची के माता-पिता को बताए बिना अपने घर पर रखा था। इस घटना के संबंध में पीड़िता को अगले दिन अपना बयान दर्ज कराने के लिए पाली थाने बुलाया गया और पूरे दिन वहीं रखा गया। इस दौरान शाम को नाबालिग की मौसी उसे एसएचओ पाली के सरकारी आवास पर ले गई, जहां पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया गया।
इस वारदात के बाद नाबालिग अपनी मौसी के साथ अपने घर लौट आई। हैरानी भरी बात यह रही कि पीड़िता की मौसी ने इस दौरान उसके माता-पिता को सूचना देना भी जरूरी नहीं समझा। फिर कुछ दिन बाद 30 अप्रैल को नाबालिग फिर थाने गई, जहां से उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान, लड़की ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया, जिसके बाद नाबालिग के अभिभावकों से संपर्क किया गया।
मामले में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) निखिल पाठक ने कहा कि, एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया गया है। अब इस मामले में दो आरोपियों के साथ रेप के आरोपी एसएचओ को भी प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में एडीजी जोन ने एक्शन लेते हुए 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और 24 घंटे में डीआईजी झांसी को जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं।