“रेवड़ी और सशक्तीकरण के बीच अंतर यह है कि…”: एनडीटीवी से बोले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

भूपेंद्र यादव ने कहा, “कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं, तो यह सशक्तीकरण है. किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों का सशक्तीकरण किया जा रहा है, लेकिन किसी को रेवड़ी नहीं बांटी जा रही है.”

नई दिल्ली: 

गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक लगातार सातवीं जीत के एक दिन बाद, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एनडीटीवी से कहा कि राज्य के लोगों ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की “रेवड़ी संस्कृति” को खारिज कर दिया है और गुजरात के सशक्तीकरण के लिए मतदान किया है.

रेवड़ी संस्कृति यानी “मुफ्त उपहारों” को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच वाक युद्ध जारी है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा खुद भी इसी तरह के वादे कर रही है, लेकिन उसे बदनाम कर रही है. भूपेंद्र यादव ने कहा कि रेवड़ी संस्कृति और सशक्तीकरण के अंतर को समझना होगा. “अगर हर गांव में बिजली की आपूर्ति नहीं है, तो सभी गांवों का विद्युतीकरण करना सशक्तीकरण है या गरीब कल्याण है, लेकिन बिजली बिल भरने के लिए तो आपको लोगों की क्षमता बढ़ानी होगी. अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे.”

भूपेंद्र यादव ने कहा, “कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं, तो यह सशक्तीकरण है. किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों का सशक्तीकरण किया जा रहा है, लेकिन किसी को रेवड़ी नहीं बांटी जा रही है.”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “संसद सार्वजनिक सशक्तीकरण का सबसे अच्छा मंच है. जब इस मुद्दे को संसद के माध्यम से उठाया जाता है, तो गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से निर्देशित किया जा सकता है.” यादव ने कहा कि भाजपा वैचारिक रूप से चुनाव आयोग से सहमत है कि जनता के पैसे की बर्बादी नहीं होनी चाहिए, और हम सार्वजनिक सशक्तीकरण के गठन पर आगे की बहस का स्वागत करते हैं.

कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने के सवाल पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी वादा किया था कि किसानों के कर्ज माफ कर देगी, लेकिन नहीं कर पाई.

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