“मोदी जी की आलोचना करने नहीं बैठा हूं, मैं उनको…” : नए मंच का ऐलान करने के बाद कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय के जरिये केंद्र सरकार, राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए काम कर रही है.
नई दिल्ली :
नागरिकों के खिलाफ काम करने वाली सरकार के शासन में होने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने देश में मौजूद ‘अन्याय’ से लड़ने के लिए शनिवार को एक नये मंच की घोषणा की. साथ ही, उन्होंने गैर-भाजपा दलों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं सहित हर किसी से उनकी इस पहल में सहयोग करने की अपील की. सिब्बल ने कहा कि वह 11 मार्च को जंतर-मंतर पर इस पहल के संबंध में एक बैठक करेंगे और भारत के लिए एक नयी दृष्टि पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विपक्षी नेताओं और आम लोगों समेत सभी को खुला निमंत्रण है. सिब्बल ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम भारत के लिए एक नई दृष्टि देंगे, जो एक सकारात्मक एजेंडा होगा. मैं (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी की आलोचना करने नहीं बैठा हूं, मैं उनको सुधार दूंगा.”
कहा-देश में हर जगह अन्याय फैला है
सिब्बल ने दावा किया कि भारत में हर जगह अन्याय फैला है. उन्होंने दावा किया कि नागरिकों, संस्थाओं, पत्रकारों, शिक्षकों और मझोले एवं छोटे कारोबारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. पूर्व कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा, ‘‘वह अन्याय के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद करने के लिए ‘इंसाफ’ मंच और ‘इंसाफ के सिपाही’ नामक वेबसाइट शुरू कर रहे है और इस पहल में वकील अग्रणी भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘काफी चर्चा के बाद मैंने यह फैसला किया है कि लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और हमारे ‘इंसाफ के सिपाही’ बनने की अपील की है तथा जहां कहीं भी अन्याय हो रहा है, उन्हें इससे लड़ना चाहिए. मैं चाहता हूं कि विपक्षी दलों के सभी मुख्यमंत्री और नेता इस पहल में मेरा सहयोग करें. हम दासता से खुद को मुक्त करने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करेंगे.”
अन्याय के खिलाफ सभी दलों को साथ लाने का प्रयास करेंगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी नेताओं और दलों को देश में अन्याय के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने के लिए साथ लाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ना है. विपक्ष की एक महत्वपूर्ण आवाज माने जाने वाले राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य सिब्बल ने विपक्षी दलों को एक साथ लाने की यह कोशिश ऐसे समय में की है, जब विपक्षी एकजुटता में दरार पड़ती नजर आ रही है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बार-बार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.सिब्बल ने कहा, ‘‘आपके(मीडिया के) जरिये मैं हर किसी से इसका हिस्सा बनने का अनुरोध कर रहा हूं, तभी हम इसे आगे ले जा सकेंगे.”
कोई राजनीतिक दल गठित नहीं कर रहा हूं
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह चाहते हैं कि कांग्रेस भी इस पहल में शामिल हो. उन्होंने कहा कि इस पहल का लक्ष्य एक जनआंदोलन खड़ा करना है और वह कोई राजनीतिक दल नहीं गठित करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी और वकील, इस पहल के जरिये साथ मिल कर अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे. सिब्बल ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय स्तर का एक मंच होगा, जिसमें वकील सबसे आगे होंगे. आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की शाखाएं भी हर इलाके में अपनी विचारधारा का प्रसार कर रही हैं, जो कुछ मामलों में अन्याय को भी बढ़ावा देती है. हम उस अन्याय से भी लड़ेंगे.”
ईडी के जरिये सियासी विरोधियों को खत्म करने की हो रही कोशिश
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर भी करारा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह प्रवर्तन निदेशालय के जरिये राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए काम कर रही है.उन्होंने दावा किया कि देश में करीब 100 लोगों के पास 54 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. उन्होंने सवाल किया कि क्या यह आर्थिक न्याय है. उन्होंने दावा किया, ‘‘2018 में 19 करोड़ लोग गरीब थे और 2022 में यह आंकड़ा बढ़ कर 35 करोड़ पहुंच गया.”वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘‘सरकार का ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से विशेष लगाव है. आप इसे किसी के भी पीछे लगा दीजिए और उस व्यक्ति को प्रताड़ित करिये. सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) को अब भी राज्य सरकार की सहमति की जरूरत होती है, लेकिन ईडी को नहीं.”उन्होंने दावा किया कि ईडी ने हाल के समय में 121 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिनमें से 115 विपक्षी दलों से हैं.