”मीडिया को जवाबदेह बनना होगा” : NDTV ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड्स समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा – ”मीडिया को अपनी भूमिका निभानी होगी. मीडिया एक पंजीकृत, मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं हो सकता है.”
नई दिल्ली :
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज NDTV ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड्स समारोह में कहा कि ”मीडिया को अपनी भूमिका निभानी होगी. मीडिया एक पंजीकृत, मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं हो सकता है. मीडिया को सत्ता का दलाल नहीं बनना चाहिए. उसे जवाबदेह होना होगा.”
NDTV एक भव्य समारोह में प्रतिष्ठित ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड प्रदान कर रहा है. इसमें राजनीति, खेल और मनोरंजन सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों को सम्मानित किया जा रहा है. यह वे व्यक्तित्व हैं जिन्होंने न केवल हमारे समाज को मजबूत किया है, बल्कि देश के विकास में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है.
NDTV ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ अवॉर्ड्स समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, “नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) सताए गए लोगों के लिए राहत है. भारत सदियों से सताए गए लोगों का स्थान रहा है. मीडिया को अपनी भूमिका निभानी होगी. मीडिया एक पंजीकृत, मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं हो सकता है.” साथ ही उन्होंने कहा कि, ”मीडिया को सत्ता का दलाल नहीं बनना चाहिए. उसे जवाबदेह होना होगा.”
एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड्स के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस समारोह में शामिल होना सौभाग्य की बात है. पुरस्कृत लोग दूसरों के लिए प्रेरक होते हैं. उन्होंने कहा कि अमिताभ कांत लोगों के आदर्श बन गए हैं.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि, “हमारे दर्शकों में बहुत प्रतिष्ठित लोग हैं – यूके सिन्हा, गोपाल जैन, सुशील रूंगटा और अमजद अली खान. मैं अमिताभ कांत को बंगाल के राज्यपाल के रूप में अपने दिनों से जानता हूं. 2023 में कांत एक ऐसे कार्य में शामिल थे, जिससे उनके करियर को नुकसान हो सकता था. जी20 और पी20 का आयोजन करना आसान नहीं था. लेकिन वह शानदार प्रदर्शन के साथ सामने आए.”
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि, “हमने अभूतपूर्व आर्थिक वृद्धि देखी. वह 7 प्रतिशत से अधिक है. हमने तेजी से वृद्धि की है, जिससे दुनिया ईर्ष्या करती है. जरा कल्पना करें कि हम कहां हैं. टियर-2 शहरों में डिजिटल पहुंच के साथ लोग ऐसे स्तर पर पहुंच रहे हैं, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते थे.”
जगदीप धनखड़ ने कहा कि, “वैश्विक संस्थानों ने पहले हमारे साथ वैसा ही व्यवहार किया था जैसा उन्होंने अपने पड़ोसियों के साथ किया था. सभी वैश्विक संस्थान भारत की प्रशंसा कर रहे हैं, हमारे विकास की सराहना कर रहे हैं और हमारी उपलब्धियों को पहचान रहे हैं. ” उन्होंने कहा, “वे दिन गए जब हम प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए पश्चिम का इंतजार करते थे. भारत अब केंद्र है – हम प्रौद्योगिकी का दोहन कर रहे हैं.”
आत्मनिर्भर बनने के लिए सेमीकंडक्टर की जरूरत : अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समारोह में कहा कि, आत्मनिर्भर बनना है तो हमें सेमीकंडक्टर की जरूरत है. हमारे पास काफी प्रतिभा है, करीब 30 फीसदी वैश्विक प्रतिभा भारत में है. हर अनुसंधान और विकास भारतीयों द्वारा किया जाता है.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर के बारे में कहा, “वह नींव है. जो भी स्विच ऑन और ऑफ होता है, उसमें एक चिप होती है. अगर आपको आत्मनिर्भर बनना है तो हमें सेमीकंडक्टर की जरूरत है. हमारे पास काफी प्रतिभा है, करीब 30 फीसदी वैश्विक प्रतिभा भारत में है. हर अनुसंधान और विकास भारतीयों द्वारा किया जाता है. यह भारत में क्यों नहीं होना चाहिए? हर दशक में पहले प्रयास किए गए और आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी इसे करने में सफल रहे हैं.”
‘डीपफेक को नियंत्रित करने के लिए कानून की जरूरत’
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “एआई (AI) के लाभ और जोखिम दोनों हैं.” उन्होंने कहा कि, ”हमें अपने युवाओं और स्टार्टअप के लिए अवसरों की आवश्यकता है. हमें पूर्वानुमान आदि में AI की आवश्यकता है. डीपफेक को नियंत्रित किया जाना चाहिए और हमें इसके लिए एक कानून की आवश्यकता है.”
रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की प्रगति को अच्छा बताया. उन्होंने कहा, “करीब 284 किमी, 8 नदियां और पुल पूरे हो गए हैं. समुद्र के नीचे सुरंग का काम शुरू हो गया है. बुलेट ट्रेन केवल परिवहन के बारे में नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने के बारे में भी है.”
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “रेलवे में ज्यादातर बड़े सिस्टम 70 किमी/घंटा से अधिक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम में शिफ्ट हो गए हैं. लेकिन पहले की सरकारों ने कभी परवाह नहीं की थी. 2016 में इस सिस्टम को प्रधानमंत्री ने स्वीकृति दी थी और सर्टिफिकेशन 2019 में हुआ था. यह एक जटिल प्रणाली है. भारत को डेटा सेंटर और कम्युनिकेशन लाइनों की जरूरत है और प्रगति बहुत तेज है.”