“गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और…”; भीलवाड़ा में भगवान देवनारायण के जयंती समारोह में पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है. दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं. भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए. लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई.

नई दिल्ली: 

राजस्थान के भीलवाड़ा में भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए. इस मौके पर पीएम ने कहा कि यहां कोई PM नहीं आया, मैं पूरे भक्ति भाव से एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं. अभी मुझे यज्ञशाला में पूर्ण आहुति देने का सौभाग्य मिला जो कि मेरे लिए ये भी सौभाग्य का विषय है कि मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का आशिर्वाद लेने का पुण्य मिला.

इसी के साथ पीएम ने कहा कि भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है. दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं, परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं. भारत को भी भौगेलिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए. लेकिन भारत को कोई भी ताकत समाप्त नहीं कर पाई.

बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है. भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके साथ से सबके विकास का है. आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है. पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैंने लाल किले से पंच प्राणों पर चलने का आग्रह किया था., उद्देशय यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों के याद रखें.

किसान को आज हर संभव मदद मिल रही है. छोटा किसान कभी सरकार की मदद के लिए तरसता था उसे भी पहली बार PM किसान सम्मान निधि से सीधी मदद मिल रही है. भगवान देवनारायण ने गौ सेवा को समाज सेवा और सशक्तिकरण का माध्यम बनाया था. बीते कुछ वर्षो से देश में गौ सेवा का भाव निरंतर सशक्त हुआ है.

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