कांग्रेस की नीति में यूटर्न? राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर बने रहेंगे मल्लिकार्जुन खरगे – सूत्र

कांग्रेस ने इसी वर्ष मई में अपने उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत लागू किया था. इसी सिद्धांत के चलते खरगे को इस्तीफा देना पड़ा. कांग्रेस के तीन नेताओं के नामों की चर्चा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने को लेकर है.

नई दिल्‍ली : 

कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद (Leader of Opposition in Rajya Sabha) पर बने रह सकते हैं, क्‍योंकि पार्टी उनके विकल्‍प की तलाश में फिलहाल संघर्ष कर रही है. मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की नीति के तहत राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष (LoP in Rajya Sabha) के पद से इस्तीफा दे दिया था. अगर खरगे कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष दोनों पद पर बने रहते हैं, तो यह कांग्रेस की ‘एक पद, एक व्‍यक्ति’ सिद्धांत के उलट होगा.

बीते दिनों जब अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राजस्थान के सीएम के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद लेने की उम्मीद लगाए बैठे थे, तब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इसी नीति को बरकरार रखने पर जोर दिया था. सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी के रणनीति समूह (strategy group) की बैठक बुलाई है. राज्‍यसभा से खरगे, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल को ही इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है.

कांग्रेस ने इसी वर्ष मई में अपने उदयपुर चिंतन शिविर में पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत लागू किया था. इसी सिद्धांत के चलते खरगे को इस्तीफा देना पड़ा. कांग्रेस के तीन नेताओं के नामों की चर्चा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने को लेकर है. कहा जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह या प्रमोद तिवारी में से कोई राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की बात जब उठी थी, तब भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत को लेकर बयान दिया था. जिसके बाद, राजस्थान में नया सीएम बनाए जाने को लेकर प्रयास शुरू हो गए थे. हालांकि, इसके चलते पार्टी राज्य में राजनीतिक संघर्ष में उलझ गई और अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए. मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के दौरान उनके प्रस्तावकों की सूची में अशोक गहलोत का भी नाम था.

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