‘कड़ी मेहनत की होती तो..’, विदाई भाषण में तृणमूल सांसद का वेंकैया नायडू पर कटाक्ष

ओ’ब्रायन ने चुटकी लेते हुए कहा, “हो सकता है, किसी दिन आप अपनी आत्मकथा में इसका जवाब जरूर देंगे।” तृणमूल सांसद ने तब नायडू को ईंधन की कीमतों पर उनके “जोशीले भाषण” की याद दिलाई।

तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के विदाई भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि उच्च सदन के अध्यक्ष होने के नाते नायडू ने कड़ी मेहनत की होती तो शायद अपने पूरे कार्यकाल में एक सवाल का जवाब प्रधानमंत्री से दिला पाते “लेकिन ऐसा नहीं हुआ”। ओ ब्रायन ने नायडू के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उनका हमेशा जोर रहा कि किसी भी मुद्दे पर गतिरोध की स्थिति में सरकार और विपक्ष आपस में बातचीत करें। तृणमूल सदस्य ने नायडू से अपनी आत्मकथा लिखने का अनुरोध किया और कहा कि वह काफी रोचक होगी तथा विभिन्न मुद्दों पर उनके विचार लोगों के सामने आएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि 20 सितंबर, 2020 को, जिस दिन उच्च सदन ने (अब निरस्त किए जा चुके) कृषि विधेयकों को पारित किया था तो, वह (नायडू) कुर्सी पर नहीं थे। ओ’ब्रायन ने चुटकी लेते हुए कहा, “हो सकता है, किसी दिन आप अपनी आत्मकथा में इसका जवाब जरूर देंगे।” तृणमूल सांसद ने तब नायडू को ईंधन की कीमतों पर उनके “जोशीले भाषण” की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि हालांकि तब भाजपा विपक्ष में थी। उन्होंने कहा, “2 सितंबर 2013 को आपने सदन में पेट्रोल-डीजल पर जोशीला भाषण दिया। एक दिन शायद आप हमें अपनी आत्मकथा में बताएंगे कि फिर क्यों नहीं।” हालांकि उन्होंने कहा कि चलो इस पर अभी बात नहीं करते हैं।

अपने हमले को जारी रखते हुए, ओ’ब्रायन ने कहा कि नायडू ने 2013 में भी फोन-टैपिंग के संबंध में हस्तक्षेप किया था, लेकिन अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उच्च सदन में पेगासस पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, “1 मार्च 2013 को आपने सदन में 5-6 मिनट के लिए फोन टैपिंग पर हस्तक्षेप किया था। हमने पिछले कुछ वर्षों में पेगासस पर चर्चा की कोशिश की थी, लेकिन हमें चर्चा के लिए स्थान नहीं मिला।” उन्होंने कहा कि नायडू देश के एकमात्र उपराष्ट्रपति हैं जो चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे।

ब्रायन ने सुनाया किस्सा, भावुक हुए नायडू

ब्रायन ने कहा कि जब नायडू एक साल के थे तभी उनकी मां का एक बैल के हमले के कारण निधन हो गया था। जब ब्रायन इस घटना का जिक्र कर रहे थे, नायडू कुछ क्षणों के लिए भावुक हो गए। ब्रायन ने नायडू और उनकी पत्नी की मेजबानी की भी तारीफ की और कहा कि हर बार उन्हें लजीज व्यंजन परोसा गया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यहां से अवकाश ग्रहण करने के बाद भी नायडू सार्वजनिक जीवन में बने रहेंगे और लोगों को रास्ता दिखाते रहेंगे।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विभिन्न दलों के सदस्यों ने सभापति के तौर पर एम वेंकैया नायडू के कार्यकाल की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने सभी दलों को साथ लेकर चलने का प्रयास किया और उच्च सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए। राज्यसभा के सभापति के तौर पर नायडू का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें सोमवार को विदायी दी गई। उन्हें विदाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया और सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया।

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