एक दूसरे को औकात दिखाने पर आ गए अशोक गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत, कहां तक जाएगी नहर की आड़ में रार

जयपुर:ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP Rajasthan) को लेकर प्रदेश के दिग्गज नेताओं की जुबानी जंग पिछले कुछ दिनों से काफी तेज हो गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की औकात तक बता दी। गहलोत ने रविवार को कहा कि राजस्थान ने 25 सांसद जिताकर दिए हैं। राजस्थान का हमारा जल संसाधन मंत्री बना है। कम से कम एक परियोजना को तो राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाएं। गहलोत ने आगे कहा कि इतनी भीऔकात नहीं है, तो फिर काहे के मंत्री हैं, जो प्राइम मिनिस्टर को कन्वींस नहीं कर सके। गहलोत ने कहा कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट वसुंधरा राजे लेकर आई थीं। पीएम ने तब उस पर हामी भरी थी।

शेखावत ने राजस्थान पर फोड़ा था ठीकरा
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार 8 अप्रैल को ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिए जाने का जिम्मेदार राजस्थान सरकार को ठहराया था। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट में तकनीकी खामियां है। इन खामियों को दूर करने के लिए कई बार कहा गया लेकिन राजस्थान के अधिकारी इन खामियों को दूर करने में रुचि नहीं दिखा रहे। 8 अप्रैल को राजस्थान में जल जीवन मिशन पर 11 राज्यों की रीजनल कॉन्फ्रेंस हुई थी। इस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी के बयान का विरोध करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार को दोषी ठहरा दिया था।

पीएम ने वादा किया था, लेकिन वादा नहीं निभा रहे- डॉ. महेश जोशी
प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले अजमेर और जोधपुर की चुनावी सभाओं में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया। महेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने वादे पर चुप्पी साध ली है। जोशी के इस बयान पर केन्द्रीय मंत्री बीच में ही बोल पड़े।

सन्यास के बयान पर गहलोत ने किया पलटवार
उन्होंने कह दिया कि प्रधानमंत्री ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा नहीं किया था। कांग्रेस के नेता अगर मोदीजी के इस वादे को साबित कर दे ,तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। इस राजनैतिक सन्यास वाले बयान पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है।

मोदी के भाषण के अंश बताये गहलोत ने, कहा- शेखावत सन्यास लेने का निर्णय स्वयं करें
बीकानेर में एनएसयूआई के स्थापना दिवस समारोह के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गजेन्द्र सिंह शेखावत के राजनीति से सन्यास के बयान पर पलटवार किया। गहलोत ने अक्टूबर 2018 में नरेन्द्र मोदी की ओर से अजमेर में दिए गए भाषण के अंश मीडिया के सामने रखे। उन्होंने कहा कि मोदी जी के इस भाषण में उन्होंने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात कही थी। अब गजेन्द्र सिंह शेखावत को तय करना है कि वे राजनीति से सन्यास कब ले रहे हैं।

गहलोत ने यह भी कहा कि एक बार मान लेते हैं कि मोदीजी ने वादा नहीं किया। फिर भी प्रदेश के 13 जिलों का जल संकट दूर करने वाले प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने का प्रयास करना चाहिए।

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