एकदिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे PM मोदी, वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री मोदी भारतीय वायु सेना के विमान से शनिवार सुबह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचे. अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान वह यहां संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2023 में शिरकत करने के साथ-साथ भोपाल और दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे-भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
नई दिल्ली:
पीएम मोदी आज मध्य प्रदेश के अपने एकदिवसीय दौरे पर पहुंच चुके हैं. जहां पीएम मोदी प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य हैंगर पर मोदी का स्वागत किया. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. हालांकि इससे पहले मध्य प्रदेश के इंदौर में रामनवमी पर्व पर हुए हादसे के मद्देनजर बीजेपी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोपाल यात्रा के दौरान उनके एक संक्षिप्त रोड शो और उनके भव्य स्वागत की अपनी योजना रद्द कर दी है. अब यह कार्यक्रम नहीं होंगे.
पीएम मोदी भोपाल में पूर्व निर्धारित कंबाइंड कमांडर कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. पीएम मोदी दोपहर 3:05 बजे कुशाभाऊ ठाकरे सभागार से कार द्वारा रवाना होंगे और 3:15 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुचेंगे. वहां पीएम वंदे भारत ट्रेन को रवाना करेंगे. वे दोपहर 3:35 बजे कार से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से बीयू परिसर के हेलीपैड के लिए रवाना होंगे.
इसके बाद पीएम दोपहर 3:45 बजे बीयू के हेलीपैड से भोपाल एयरपोर्ट के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे. वे शाम 4:10 बजे भोपाल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
मध्य प्रदेश में इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत ढहने से 36 लोगों की मौत हो गई थी. इसकी वजह से बीजेपी ने पीएम मोदी का रोड शो और उनके भव्य स्वागत की अपनी योजना रद्द कर दी.
इंदौर हादसे में 36 लोगों की हुई थी मौत
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पार्क के एरिया का अतिक्रमण किया गया था. मंदिर में बावड़ी के ऊपर एक छत का निर्माण कर उस पर पिछले कुछ समय से हवन आदि किया जा रहा था. यह बावड़ी लगभग 200 साल पुरानी बताई जा रही है. रहवासियों का यह भी दावा है कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया. रामनवमी के दिन इस छत पर काफी लोग मौजूद थे, जिसका भार छत सहन नहीं पाई और धंस गई. इस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई.