रूस के बेलगोरोड में फ्यूल डिपो से टकराया यूक्रेन का हेलीकॉप्टर

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को पूरा एक महीना हो चुका है. जंग में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. रूस को भी अच्छा खासा नुकसान हो रहा है. फिर भी दोनों में कोई भी हार मानने को तैयार नहीं हैं. यूक्रेनी सेना रूस के हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है. शुक्रवार को यूक्रेन मिलिट्री के दो हेलीकॉप्टर (Ukraine Military Helicopters)रूस के बेलगोरोड ( Belgorod) में घुस आए. यूक्रेनी हेलीकॉप्टर्स ने बेलगोरोड में एक फ्यूल डिपो (Fuel Depot) पर एयर स्ट्राइक की. इसके बाद वहां आग लग गई, जिससे कई विस्फोट हुए. ऐसा पहली बार हुआ है कि यूक्रेन की सेना ने अब रूसी सीमा में घुसकर पलटवार किया है.

बेलगोरोड के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर कहा कि हेलीकॉप्टरों ने कम ऊंचाई पर सीमा पार करने के बाद फ्यूल डिपो पर हमला किया. इससे डिपो में आग लग गई. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

ग्लैडकोव ने कहा कि आग लगने से 2 श्रमिक झुलस हो गए. उन्हें नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जबकि शहर के पास के कुछ इलाकों को खाली कराया जा रहा है.

हालांकि, रूसी तेल फर्म रोसनेफ्ट और इस फ्यूल डिपो के मालिक ने एक अलग बयान में कहा कि आग में कोई हताहत नहीं हुआ. हालांकि, उन्होंने आग लगने के कारणों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.

दरअसल, बेलगोरोड में रूसी सेना ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बंकर और ट्रैंच बनाए थे. यहां पर 1943 में खुर्स्क की एक प्रसिद्ध लड़ाई लड़ी गई थी. ये सभी हथियार और मिलिट्री बाइक और गाड़ियां उसी वक्त की हैं. अब इस जगह को एक बड़े वॉर मेमोरियल और ओपन म्यूजयिम मे तब्दील कर दिया गया है. इसी खुर्स्क क्षेत्र से इनदिनों भारतीय मूल के अभय सिंह को रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की राजनीतिक पार्टी से स्थानीय एमएलए बनाया गया है.

मॉस्को से बेलगोरोड करीब 700 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर हाईवे के रास्ते पहुंचने में करीब 10 घंटे लगते हैं. रास्ते में जगह जगह पुलिस और सेना की तैनाती है. बेलगोरोड बॉर्डर यूक्रेन के खारकीव के साथ साथ सुमी इलाके से भी सटा है.

गौरतलब है कि युद्ध (रूस के ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’) के दौरान खारकीव और सुमी में जब भारतीय छात्र फंसे हुए थे तब रुस ने इसी बेलगोरोड शहर में 130 बसें तैयार कर रखी थी, ताकि वहां से अगर ये छात्र रूस की सीमा से निकलने चाहें तो उन्हे कोई दिक्कत ना हो‌.

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