“पहाड़ का पानी और जवानी, वहां के काम नहीं आती है, इस धारणा…”, उत्‍तराखंड रोजगार मेले में बोले PM मोदी

PM मोदी ने कहा कि हमें इस धारणा को बदला है कि पहाड़ का पानी और जवानी, वहां के काम नहीं आती है. आज उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतना निवेश हो रहा है कि दूर-सुदूर तक आना-जाना तो आसान हो ही रहा है, रोजगार के भी नए अवसर पैदा हो रहे हैं.

नई दिल्‍ली: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर युवाओं को रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र दिए गए. पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्‍तराखंड के रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार लोगों को रोजगार देने का प्रयास कर रही है.  हमारा यह निरंतर प्रयास है कि हर युवा को उसकी रुचि और योग्यता के अनुसार नए अवसर मिलें.

पीएम मोदी ने कहा, “इस रोजगार मेले के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई, जिनको आज नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं उनके लिए यह नई शुरुआत का अवसर है. केंद्र सरकार लगातार लोगों को रोजगार देने का प्रयास कर रही है. बीते कुछ ही महीनों में केंद्र सरकार ने देश के लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए हैं. हमारा यह निरंतर प्रयास है कि हर युवा को उसकी रुचि और योग्यता के अनुसार नए अवसर मिलें, सभी को आगे बढ़ने का उचित माध्यम मिले. सरकारी सेवाओं में भर्ती का यह अभियान भी इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए उठाया गया कदम है.”

उन्‍होंने कहा, “हमें इस धारणा को बदला है कि पहाड़ का पानी और जवानी, वहां के काम नहीं आती है. आज उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतना निवेश हो रहा है कि दूर-सुदूर तक आना-जाना तो आसान हो ही रहा है, रोजगार के भी नए अवसर पैदा हो रहे हैं. हमारा निरंतर यह प्रयास रहा है कि पहाड़ में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बनाए जाएं.”

उद्यमियों को प्राथमिकता देने की केंद्र की नीति के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा इस तरह की नीतिगत पहलों से न केवल उत्तराखंड में, बल्कि पूरे देश के उद्यमियों को बहुत लाभ हुआ है. मुद्रा योजना भी रोजगार व स्वरोजगार में बड़ी मदद कर रही है. पूरे देश में 38 करोड़ मुद्रा ऋण दिए जा चुके हैं. उत्तराखंड के हमारे हजारों साथी भी इसका लाभ ले चुके हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “आज जैसे-जैसे उत्तराखण्ड के दूर सुदूर के इलाके रोड, रेल और इंटरनेट से जुड़ रहे हैं, वैसे-वैसे पर्यटन का भी विस्तार हो रहा है. नए पर्यटन स्थल पर्यटन के मानचित्र पर आ रहे हैं. इससे उत्तराखंड के युवाओं को वही रोजगार मिल रहे हैं जिसके लिए वो पहले बड़े शहरों का रुख करते थे. भारत के युवाओं के लिए यह अद्भुत संभावनाओं का ‘अमृतकाल’ है, आपको इसे अपनी सेवाओं के माध्यम से निरंतर गति देनी है.”

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