Top Horror Movies: ये हैं अब तक की पांच सबसे डरावनी फिल्में, अकेले में देखने की गलती ना करें
हम में से कई लोग हॉरर फिल्म को पसंद करते हैं। इसके पसंद किए जाने के कई कारण भी हैं। हॉरर फिल्मों में जितना थ्रिलर, रोमांच और सस्पेंस देखने को मिलता है, उतना शायद ही किसी और फिल्म में हो। इसी कड़ी में आज हम अब तक की 5 सबसे डरावनी फिल्मों की बात करेंगे, जिन्हें कभी भी अकेले में देखने की गलती नहीं करनी चाहिए।
कॉन्ज्यूरिंग
साल 2013 में रिलीज हुई ये फिल्म काफी डरावनी है। रिलीज होने के बाद इस फिल्म को देश दुनिया में खूब पसंद किया गया। फिल्म में दिखाया गया है कि एक फैमिली किसी फार्म हाउस में रहने के लिए जाती है, जहां उनकी मुलाकात एक अनजान शक्ति से होती है। उसके बाद पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स को बुलाया जाता है, जो उस अनजान शक्ति से संपर्क करने की कोशिश करते हैं। आगे क्या होता है? उसे जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी। इस फिल्म में आपको हॉरर के साथ साथ सस्पेंस, रोमांच और थ्रिलर सब कुछ देखने को मिलेगा।
द एविल डेड
साल 1981 में आई इस फिल्म ने खूब लोकप्रियता हासिल की। फिल्म में 5 दोस्तों की कहानी को दिखाया गया हैै, जो जंगल के एक केबिन में जाते हैं। वहां उनकी मुलाकात कई मांस खाने वाले राक्षसों से होती है। आगे क्या होता है? इसे जानने के लिए आपको इस फिल्म को देखना होगा। फिल्म काफी सस्पेंस फुल और डरावनी है।
एनाबेल
ये फिल्म एक वास्तविक घटना पर बेस्ड है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण सी दिखने वाली डॉल के अंदर बुरी आत्मा प्रवेश कर लेती है? यह बुरी आत्मा डॉल के भीतर घुसने के बाद घर के बाकी लोगों को डराने का काम करती है। अगर आप हॉरर फिल्म को देखना पसंद करते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए ही है।
ऑर्फन
ये फिल्म साल 2009 में रिलीज हुई थी। फिल्म में दिखाया गया है कि एक पति पत्नी जिन्होंने हाल ही में अपनी बेटी को खोया है। वो एक 9 साल की बच्ची को गोद लेते हैं। गोद ली हुई ये बच्ची उतनी मासूम नहीं होती जितनी ये दिखती है। आगे जो होता है, उसे देखने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
ट्रेन टू बुसान
ये फिल्म हॉरर होने के साथ-साथ काफी सस्पेंस फुल भी है। साल 2016 में आई इस साउथ कोरियन फिल्म ने जॉम्बी फिल्मों के कई रिकॉर्ड को तोड़ दिया। फिल्म हमें एक ऐसे अपोकेलिप्टिक वर्ल्ड में लेकर जाती है, जहां जॉम्बी वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति ट्रेन में चढ़ता है। उसके बाद वह बाकी लोगों को भी संक्रमित कर देता है। फिल्म का ज्यादातर हिस्सा ट्रेन के तंग वातावरण में शूट किया गया है। ट्रेन में एक पिता अपनी बच्ची को इन जॉम्बीज से बचाने की कोशिश कर रहा है। क्या वो अपनी बच्ची को इनसे बचा पाता है या नहीं? जानने के लिए आपको ये हॉरर बेस्ड जॉम्बी फिल्म जरूर देखनी चाहिए।