“3 साल की जेल और 1 लाख जुर्माना”, रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के बाद केंद्र ने याद दिलाया कानून

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें ऐसे डीपफेक को कवर करने वाले कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया गया है.

नई दिल्ली: 

केंद्र ने एक वायरल डीपफेक वीडियो के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक रूल रिमाइंडर भेजा है, जिसे अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार इससे गलत सूचना फैलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर चिंता पैदा हो गई है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें ऐसे डीपफेक को कवर करने वाले कानूनी प्रावधानों और उनके बनाने और प्रसार पर लगने वाले दंड को रेखांकित किया गया है.

सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी का हवाला दिया है. ये धारा कंप्यूटर संसाधन का उपयोग कर धोखाधड़ी के लिए सजा से संबंधित है. इसके मुताबिक, “जो कोई भी किसी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करता है, उसे दंडित किया जाएगा. उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ये एक लाख रुपये तक बढ़ सकता है.”

इस रहस्योद्घाटन ने इस तरह की छेड़छाड़ के प्रभाव पर चिंताएं पैदा कर दीं, खासकर सार्वजनिक हस्तियों के लिए, जो ऐसे वीडियो को लेकर परेशानी में पड़ सकते हैं, जिनके साथ उनके चेहरे के साथ छेड़छाड़ की गई है.

ये वाकया बेहद डरावना- रश्मिका मंदाना
रश्मिका मंदाना ने कहा, “ये वाकया बेहद डरावना है. मुझे इसे साझा करते हुए वास्तव में दुख हो रहा है और मुझे ऑनलाइन फैलाए जा रहे मेरे डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी पड़ रही है. ईमानदारी से कहूं तो ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर किसी के लिए बेहद डरावना है, जो आज टेक्नालॉजी के दुरुपयोग के कारण बहुत अधिक नुकसान की चपेट में है.”

अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित फिल्म उद्योग में कई लोगों ने इस मामले को उठाया और कानूनी कार्रवाई की मांग की.

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के लिए कानून
उन्होंने कहा, “अप्रैल, 2023 में अधिसूचित आईटी नियमों के तहत ये सुनिश्चित करना प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक कानूनी दायित्व है कि किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा कोई गलत सूचना पोस्ट न की जाए, ये सुनिश्चित करें कि किसी भी उपयोगकर्ता या सरकार द्वारा रिपोर्ट किए जाने पर, गलत सूचना को 36 घंटों में हटा दिया जाए. यदि प्लेटफ़ॉर्म अनुपालन नहीं करते हैं तो इसके साथ नियम 7 लागू होगा और आईपीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित व्यक्ति द्वारा प्लेटफार्मों को अदालत में ले जाया जा सकता है.”

मंत्री ने ट्वीट किया, “डीप फेक गलत सूचना का नवीनतम और उससे भी अधिक खतरनाक और हानिकारक रूप है और प्लेटफार्मों द्वारा इससे निपटने की जरूरत है.”

हालांकि, ये वीडियो अभी भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर देखा जा सकता है.

Rashmika Mandanna ने अपने वायरल डीपफेक वीडियो पर दिया है ये बड़ा बयान, IT मंत्री ने भी दी चेतावनी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed