पापा विनोद खन्ना के साथ फिल्म कर क्यों पछताते थे अक्षय खन्ना ? क्या थी वो वजह जो हमेशा रहता है अफसोस ?
2017 में समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में अक्षय से पूछा गया था कि क्या वह सीनियर एक्टर पर एक बायोपिक में अपने पिता का रोल करना चाहेंगे? इस पर भी उन्होंने सीधे मना कर दिया था.
नई दिल्ली:
अक्षय खन्ना ने 1997 में अपनी पहली फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ में अपने पिता विनोद खन्ना के साथ काम किया था. एक दशक बाद अक्षय को इस पर पछतावा भी हुआ था. अक्षय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि विनोद खन्ना ऐसे एक्टर हैं जिनके साथ उन्हें काम नहीं करना चाहिए. अक्षय ने 2008 में आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा था कि अमिताभ बच्चन भी एक ऐसे शख्स हैं जिनके साथ फ्रेम शेयर करना नामुमकिन है. अक्षय ने कहा कि एक्टर्स की जबरदस्त स्क्रीन प्रेजेंस उन्हें यह यकीन दिलाती है कि उन्हें उनके साथ स्क्रीन पर नहीं दिखना चाहिए.
आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में अक्षय ने कहा था कि जब उन्होंने अपने पिता के साथ उनकी पहली फिल्म ‘हिमालय पुत्र’ में काम किया था तो यह एक भयानक अनुभव था. “कुछ लोग हैं जिनके साथ आपको काम नहीं करना चाहिए. मेरे पिता उनमें से एक हैं. अमिताभ बच्चन दूसरे हैं. सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ उनके साथ एक ही फ्रेम में खड़ा होना असंभव है. उनकी स्क्रीन पर प्रेजेंस इतनी जबरदस्त है. ऐसा करना बहुत मुश्किल है.”
वह किसी बायोपिक में अपने पिता का रोल क्यों नहीं निभाएंगे?
2017 में समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में अक्षय से पूछा गया था कि क्या वह सीनियर एक्टर पर एक बायोपिक में अपने पिता का रोल करना चाहेंगे. इस पर अक्षय ने कहा था कि उनके लिए उनके पिता का किरदार निभाना कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि वह विनोद खन्ना जैसे नहीं दिखते. “मैं कहीं से भी अपने पिता के करीब नहीं दिखता… कोई ऑप्शन ही नहीं है. मैंने कभी इसके बारे में नहीं सोचा है. इसलिए मैं नहीं कह सकता.
बता दें कि 1970 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने वाले विनोद खन्ना की शुक्रवार 6 अक्टूबर को 77वीं जयंती है. अपने करियर के पीक पर उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी और अमेरिका में रजनीश ओशो के आश्रम में रहने लगे. बाद में वह फिल्मों में लौट आए और दयावान और चांदनी जैसी फिल्मों में काम किया. 2017 में कैंसर से लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई.