उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों से संबंधों पर रुख स्पष्ट करे भाजपा, CM भूपेश बोले- सांप्रदायिक दंगे भड़काने का षड़यंत्र तो नहीं?

राजस्थान के उदयपुर में हुए हत्याकांड पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कन्हैया लाल की निर्मम हत्या बेहद निंदनीय है। इसे सभ्य समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। आरोपियों को तत्काल सजा मिलनी चाहिए।

राजस्थान के उदयपुर में हुए हत्याकांड पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कन्हैया लाल की निर्मम हत्या बेहद निंदनीय है। इसे सभ्य समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। आरोपियों को तत्काल सजा मिलनी चाहिए। राजस्थान में दर्जी की हत्या के आरोपी से जुड़ाव का दूसरा जो एंगल आ रहा है उस पर भारतीय जनता पार्टी को बताना चाहिए। अपराधी से उनका क्या संबंध है। सोशल मीडिया में लगातार यह बात आ रही है कि उनके संबंध हैं। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि उनके संबंध है कि नहीं है? क्या इस प्रकार के सांप्रदायिक दंगे भड़काने का षड़यंत्र तो नहीं है? यह एक एंगल भी हो सकता है कि इन लोगों का ध्यान भटकाने के लिए दंगे कराओ। इस घटना के पीछे षड़यंत्रकारी कौन हैं? इनका किनके साथ सबंध है। यहां जांच का विषय है।

पुरानी पेंशन पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ओल्ड पेंशन बंद किया। राजस्थान और छत्तीसगढ़ शासन ने पुरानी पेंशन शुरू किया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेव्लहपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) को राशि लौटाने पत्र भी लिखा गया है। पीएफआरडीए ने राशि लौटने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी को मेरा द्वारा पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब तो पेंशन क्या नौकरी खतरे में है। अभी अग्निवीर, उसके बाद शिक्षकवीर, चिकित्सका वीर लाए जाएंगे। सरकारी कंपनियों को मोदी सरकार द्वारा लगातार बेच रही है।

कोयले पर केंद्र सरकार की नीति असफल
देश में उपजे कोयला संकट पर उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति असफल रही है। कोल आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ व छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है। ट्रेनों को रद्द करने से यात्रियों को दिक्कत हो रही है। इस मामले में उन्होंने रेल मंत्री से बात भी की थी। यह केंद्र का मामला है। छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों को प्रदेश की जनता के हित में बात रखनी चाहिए। यात्री ट्रेनों को बंद करने के बाद भी कोयले की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।  अब कोयले की आपूर्ति विदेशों से करनी पड़ेगी, जो महंगा पड़ेगा। आर्थिक भार पड़ेगा। आने वाले समय में गंभीर स्थितियां उत्पन्न होंगी।

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