उत्तर बस्तर कांकेर : कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र में मनाया गया विश्व मृदा दिवस

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्र सिंगारभाट के संगोष्ठी भवन में “विश्व मृदा दिवस” के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी वैज्ञानिकों एवं कार्यालय के स्टाफ उपस्थित होने के साथ-साथ ऑनलाईन (वर्चुवल) मोड में महाविद्यालय के बी.एस.सी. (कृषि) द्वितीय से चतुर्थ सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी तथा महाविद्यालय में संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रम के सभी इनपुट डिलर कार्यक्रम में उपस्थित थे। कृषि विज्ञान के केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. कोमल सिंह केराम द्वारा मृदा स्वास्थ्य, मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता, समन्वित पौध पोषक तत्व प्रबंधन, वर्मीकम्पोस्टिंग के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी कृषकों को प्रदान की गई। कार्यक्रम में जिले के कृषक, छात्र एवं वैज्ञानिकगण सम्मिलित हुए।

उल्लेखनीय है कि “विश्व मृदा दिवस” कार्यक्रम वर्ष 2002 से मृदा विज्ञान वैज्ञानिकों का अन्तर्राष्ट्रीय संघ द्वारा मृदा के गुणवŸाा को बनाये रखने तथा मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाने तथा जागरूकता फैलाने हेतु कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सुझाव गया था। महाविद्यालय में आयोजित विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम में उपस्थित शस्य विज्ञान के वैज्ञानिक श्री अनिल कुमार नेताम ने मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए फसलों का उचित चयन, फसल चक्र तथा उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने के बारे में जानकारी दिये। कार्यक्रम में शस्य विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए. कुरैशी ने मृदा केे महत्व को विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि मृदा स्वास्थ्य एवं गुणवŸाा को ध्यान रखने के लिए किसानों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में पादप रोग विज्ञान के वैज्ञानिक श्री देवचन्द सलाम ने कार्यक्रम में जुडे़ सभी विर्द्यािर्थयों तथा कर्मचारियों को संतुलित मात्रा में कीटनाशक तथा फफूंद नाशकों का उपयोग फसल उत्पादन में करने की सलाह दिया, जिससे मृदा की गुणवता बनी रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. देव शंकर राम ने सभी विर्द्यािर्थयों एवं कर्मचारियों को मृदा को स्वस्थ बनाये रखने मे सहयोग प्रदान करने की अपील की। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि पेट्रोलियम पदार्थों तथा हानिकारक रसायनों का उपयोग खेती मे नहीं करना चाहिए, जिससे मृदा का इंकोसिस्टम बना रहे। उन्होंने सभी को मृदा सुधार हेतु ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। कार्यक्रम में पूर्व वैज्ञानिक श्री देवचन्द सलाम ने विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी विद्यार्थियों एवं महाविद्यालय के कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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