सूरजपुर : गोधन न्याय योजना बनी विकास का पहिया

राज्य शासन की दूरदर्शी सोंच और सार्थक होती परिकल्पना का प्रत्यक्ष प्रमाण है बिश्रामपुर की गीता देवी। गोधन न्याय योजना से बिश्रामपुर के फिल्टर प्लांट कॉलोनी में रहने वाली गीता देवी के जीवन शैली में बहुत परिवर्तन आया है। गीता देवी गाय पालकर दुग्ध विक्रय का व्यवसाय करती हैं जिसमे गाय को रखने के लिए गौशाला का निर्माण करने पैसा बचाने की कोशिश में लगी थी लेकिन बेटी की पढ़ाई और घर के खर्च के कारण पैसा बचा नही पाती थी जिससे गौशाला को बेहतर बना सकें। इधर बेटी आकांक्षा मेडिकल (बीएएमएस ) की पढ़ाई कर रही थी जिसके पढ़ाई के लिए भी पैसे कम पड़ते रहते थे। गीता देवी बताती हैं कि पहले भी गोबर एकत्रित करती थी और विक्रय करती थी लेकिन 1 से 2 साल तक एकत्र किए गए गोबर का मूल्य सिर्फ 20 हजार रुपये ही प्राप्त होता था। लेकिन गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने पर मात्र तीन माह में एकत्र किए गए गोबर की बिक्री करने से 63000 ( तिरसठ हजार रुपये ) प्राप्त हुए। जिसने गीता देवी की सारी परेशानी खत्म कर दी। उन्होंने गोबर बिक्री से प्राप्त होने वाले पैसों को गौशाला में शेड बनाने में उपयोग किया। साथ ही बेटी आकांक्षा की मेडिकल पढ़ाई में भी इसी पैसे का उपयोग कर रही हैं। गीता देवी और उनका परिवार राज्य शासन सहित सूरजपुर जिला प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहते हैं कि विकास का पहिया बनी इस योजना को कभी भी बंद नही होना चाहिए इसे सतत रूप से चलना चाहिए जिससे गौ पालन के साथ-साथ गोबर बिक्री कर लोग लाभ कमा सके और अपने जीवन स्तर में सुधार ला सकें।

इन दिनों सूरजपुर जिला कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह एवं जिला पंचायत के सीईओ श्री राहुल देव के कुशल नेतृव में नये आयामो को गढ़ रहा है। जिले शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में राज्य शासन की योजनाओं का लाभ देने जिला प्रशासन की टीम सक्रिय होकर कार्य कर रही है। यही नही स्वयं कलेक्टर गांव गांव जाकर जनसंवाद कर रहे हैं। जिसमे विभागों से चल रही योजनाओं की समीक्षा करने के साथ लोगो की समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निराकरण कर लाभान्वित कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *