रायपुर : महतारी वंदन योजना से श्रीमती संगीता से सीखा बचत और प्रबंधन के गुण
कबीरधाम जिला के ग्राम भागुटोला की निवासी श्रीमती संगीता पटेल आज आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रबंधक का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गई हैं। उनके जीवन में परिवर्तन का यह सफर छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना से शुरू हुआ, जिसने उन्हें न केवल आर्थिक सहायता दी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया।
श्रीमती संगीता पटेल, एक गृहिणी और मां, अपने परिवार के लिए हमेशा कुछ बेहतर करना चाहती थीं। लेकिन सीमित आय के कारण उनके सपनों को साकार करना मुश्किल था। अब जब उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलने लगी, तो उनके जीवन में नई उम्मीद जगी। संगीता ने इस राशि का बुद्धिमानी से उपयोग करना शुरू किया। उन्होंने अपनी बेटी के भविष्य के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाया और हर महीने उसमें 500 रुपये जमा करने का निर्णय लिया। यह उनके बेटी के बेहतर शिक्षा और भविष्य के सपनों को साकार करने का पहला कदम था। बचे हुए 500 रुपये का उपयोग वह घर के अन्य खर्चों और बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में करती हैं।
श्रीमती संगीता बताती हैं कि पहले छोटी-छोटी जरूरतों के लिए मुझे पति या सास-ससुर से पैसे मांगने पड़ते थे, जो कभी-कभी असहजता का कारण बनता था। लेकिन अब मुझे हर महीने अपनी जरूरतों के लिए पैसा मिलता है। यह केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि मेरे लिए आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की भी बात है। इस योजना ने न केवल संगीता को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि उनके भीतर बचत और प्रबंधन का गुण भी विकसित किया है। अब वे अपने बच्चों के भविष्य के बारे में और अधिक सकारात्मक सोचने लगी हैं।
श्रीमती संगीता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का धन्यवाद करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना ने मेरे जैसी लाखों महिलाओं के जीवन में समृद्धि और आत्मविश्वास का संचार किया है। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि हमारे जीवन में स्थिरता और सम्मान लाने का माध्यम है।
गौरतलब है कि उक्त योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। राज्य की लगभग 70 लाख हितग्राही महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मार्च से लेकर दिसम्बर तक हितग्राही महिलाओं को 10 मासिक किश्तों में 7181 करोड़ 94 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।