कोण्डागांव : जिला अस्पताल में पहली बार सिकलसेल एवं एनिमिया से ग्रस्त मरीज के गर्भाशय का किया गया सफल ऑपरेशन
जिला अस्पताल में बुधवार को विकासखण्ड फरसगांव के ग्राम चिचाड़ी निवासी महिला के ‘गर्भाशय ट्यूमर‘ का डॉक्टरों द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया। उक्त महिला पिछले एक सालों से मासिक चक्र के दौरान समस्या से गुजर रही थी और प्राथमिक स्वास्थ्य जांच के उपरांत स्वास्थ्य केन्द्र फरसगांव के डॉक्टरों द्वारा उसे गर्भाशय में गांठ की जानकारी दी गयी थी और उसे कोण्डागांव जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा ईलाज हेतु रेफर कर दिया गया था।
जिला अस्पताल में जांच के उपरांत डॉक्टरों ने बताया कि महिला के गर्भाशय में लगभग 7-8 सेमी की गांठ है। जिसके कारण भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती है। चूंकि इस संबंध में महिला के परिजनों द्वारा आर्थिक अक्षमता के कारण बाहर उपचार हेतु ना ले जा पाने की असमर्थमता जतायी गयी। जिसपर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ टीआर कुंवर एवं जिला अस्पताल निरीक्षक सह सिविल सर्जन संजय बसाख के मार्गदर्शन में तीन विशेषज्ञों चिकित्सकों का दल तैयार कर ऑपरेशन पूर्व की तैयारियों एवं अन्य जांचों का कार्य प्रारंभ किया गया।
प्रथमतया की गयी जांचों में डॉक्टरों द्वारा महिला के शरीर में एनिमिया के कारण खून की कमी तथा सिकलसेल से भी पीड़ित होने के संबंध में ज्ञात हुआ। शरीर में 05 ग्राम खून होने के कारण महिला का शरीर बहुत ही कमजोर हो चुका था। इसके उपचार हेतु पहले महिला को अतिरिक्त खून की पूर्ति हेतु चार खून की थैलियों का इंतजाम किया गया और रक्त चढ़ाने के पश्चात् स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ माधव पटेल, डॉ ऐशवर्या रेवाड़कर, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ रामामोहन के द्वारा घण्टों चले जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए गर्भाशय की गांठों को निकाला गया। इस दौरान स्टाफ नर्स पुष्पलता, अर्चना, स्वप्नप्रिया भी उपस्थित रहे। इस ऑपरेशन के बाद वर्तमान में महिला पूर्णतः स्वस्थ है। जल्द ही जांच उपरांत उन्हें अस्पताल से छूट्टी दे दी जावेगी।
ज्ञात हो कि पूर्व में ऐसे मरीजों को उच्च चिकित्सालय मे रेफर किया जाता था, जिसके कारण मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती थी। परंतु कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिये जिला अस्पताल के आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए आधुनिक मशीनों एवं विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती की गयी थी। जिसके पश्चात् जिला चिकित्सालय में भी जटिल बीमारियों का ईलाज अब संभव हो पा रहा हैै। ज्ञात हो कि पूर्व में भी जिला अस्पताल में गर्भाशय की गांठों से पीड़ित 13 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। परंतु उक्त महिला के गर्भाशय में गांठों के साथ अन्य बीमारियों के होने से यह ऑपरेशन अत्यंत जटिल था और ऑपरेशन के उपरांत महिला एवं उनके परिजनों द्वारा डॉक्टरों को साधुवाद दिया गया।