16 लाख के इनामी कपल ने किया सरेंडर, 14 नक्सली हमलों में रहे शामिल; 175 जवान हुए थे शहीद

इस समर्पण में एसटीएफ की भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है। एसटीएफ एसपी विजय पांडेय ने इस समर्पण पर बताया कि दोनों ही माओवादियों से लंबी बातचीत हुई है और इ,स बातचीत में कई खुलासे भी हुए हैं।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को पुलिस के समक्ष एक माओवादी कपल ने समर्पण किया है। इन दोनों माओवादियों पर 8-8 लाख रुपये के इनाम घोषित किये गए थे। समर्पण करने वाले माओवादियों में पुरुष का नाम सलवम मुत्ता उर्फ सुक्कू व महिला माओवादी का नाम गंगी बताया जा रहा है। समर्पण के बाद दोनों माओवादियों से हुई पूछताछ व अन्य जानकारी के आधार पर पुलिस ने कई अहम जानकारियां उपलब्ध करवाई हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों माओवादी समर्पण से पहले दक्षिण बस्तर के बटालियन नंबर 01 में सक्रिय थे।

सुक्कू 16 वर्षों से व गंगी 10 वर्षों से संगठन में काम कर रहे हैं। साल 2009 से अब तक दोनों ने लगभग 14 अलग-अलग नक्सली हमले में अपनी भूमिका निभाई है। जिसमें कुल 175 जवान शहीद हो चुके हैं। इन घटनाओं में ताड़मेटला और टेकलगुड़ा जैसी घटनाएं भी शामिल हैं, जिसमें 76 और 22 जवान शहीद हुए थे।

जानकारी के अनुसार, टेकलगुड़ा हमले के दौरान सुक्कू हिड़मा के सुरक्षा दस्ते में मौजूद था। सुक्कू फ़िलहाल बटालियन की कंपनी नंबर 01 के सेक्शन ‘ए’ का कमाण्डर था और उसकी पत्नी बटालियन के कृषि टीम की सदस्य थी। इन दोनों को माओवादियों ने कम उम्र में ही संगठन के बाल संघम टीम से जोड़ दिया था। जहां आगे चलकर दोनो ने शादी कर ली थी।

बटालियन हो रहा कमजोर इसलिए किया समर्पण

माओवादी संगठन में बटालियन की भूमिका काफी अहम है और बटालियन के कंपनी से जुड़े लाखों के इनामी माओवादियों के समर्पण करने को बड़ी सफलता से जोड़ कर देखा जा रहा है। इस समर्पण में एसटीएफ की भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है। एसटीएफ एसपी विजय पांडेय ने इस समर्पण पर बताया कि दोनों ही माओवादियों से लंबी बातचीत हुई है और संगठन के संबंध में कई अहम खुलासे भी हुए हैं।

एसपी विजय पांडेय के अनुसार समर्पण के बाद सुक्कू ने बताया कि संगठन का बटालियन अब लगातार कमजोर होता जा रहा है। दअरसल जिस उद्देश्य को लेकर 2008 में बटालियन का निर्माण किया गया था वह अब पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। साथ ही अब बटालियन की कंपनियों का क्षेत्र भी सिमटता जा रहा है। बस्तर में हुए तमाम बड़े नक्सली हमलों को बटालियन के द्वारा ही अंजाम दिया जाता रहा है और यही वजह है कि इन दोनों ने कई बड़े हमले में भूमिका निभाई है।

एसटीएफ एसपी विजय पांडेय के अनुसार इनसे मिली जानकारी के बाद बटालियन की कई रणनीति और उनके काम करने के तरीके का खुलासा हुआ है जिससे भविष्य में नक्सल ऑपरेशन में काफी मदद मिलने की उम्मीद है। वहीं समर्पण पर नक्सल एएसपी किरण चौहाण ने बताया कि इन्हें अभी दस-दस हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी गई है और जल्द ही इन्हें समर्पण नीति का लाभ भी दिलवाया जाएगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *