रायपुर : संतों ने लोगों को समानता के साथ जीने का मार्ग बताया: मुख्यमंत्री श्री बघेल
मेहर समाज के प्रदेश स्तरीय सामाजिक एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन में
शामिल हुए मुख्यमंत्री
नवा रायपुर में संत रविदास के नाम से चौक का होगा नामकरण
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज महादेव घाट रोड स्थित सतनाम भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ मेहर समाज के प्रदेश स्तरीय सामाजिक एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महान संत श्री रविदास ने कर्म को ही पूजा कहा। कोई काम छोटा नहीं होता है। लोग अपने विचारों से छोटे होते हैं। भक्तिमार्ग में संत रविदास का नाम पूरी दुनिया में श्रद्धा से लिया जाता है। संतों ने लोगो को समानता के साथ जीने का मार्ग बताया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नया रायपुर में संत रविदास के नाम से चौक का नामकरण तथा रविदास की जयंती मनाने के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि संविधान में लोगों को सामाजिक न्याय दिलाने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को मजबूत करने तथा उनको योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए 1 अप्रैल से सर्वे का कार्य किया जा रहा है। राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने अब अगले सीजन से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जाएगी। ग्रामीण औद्योगिक पार्क से लोगों को परंपरागत कार्याे को करने का अवसर मिलेगा। आम नागरिकों के लिए सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि क्षेत्र में कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आदर्श विवाह कर नव दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने वाले चार जोड़ो को आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही समाज के उत्कृष्ट कलाकार, विभिन्न राजनीतिक पदों पर आसीन समाज के प्रतिनिधियों, समाज के 6 लोगों को मेहर रत्न तथा प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री खिलावन बघेल ने सलाहकार परिषद बोर्ड और आयोग में समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि समाज की गरिमा के अनुरूप छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड का गठन किया गया, इसके लिये सम्पूर्ण समाज अनुग्रहित हुआ है।
इस अवसर पर संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम विधायक श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ चर्म शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री तरुण बिजौर, समाज के अन्य सामाजिक प्रतिनिधिगण सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे।