मॉनसून सत्र में शामिल नहीं हो रहे मंत्री TS सिंहदेव, MLA चंद्राकर बोले- उनकी संवैधानिक जवाबदारी जनता नहीं ‘गांधी परिवार’ है

छत्तीसगढ़ के मंत्री TS सिंहदेव के मॉनसून सत्र में शामिल नहीं होने पर BJP विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि उनकी संवैधानिक जवाबदारी जनता के प्रति नहीं वरन ‘गांधी परिवार’ है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विधानसभा के मॉनसून सत्र में शामिल नहीं होने पर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक ने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को ट्वीट करते हुए लिखा- मंत्री टीएस सिंहदेव के सत्र में शामिल नहीं होने से यह स्पष्ट हो गया कि उनकी संवैधानिक जवाबदारी जनता के प्रति नहीं वरन “गांधी परिवार” (कांग्रेस) के प्रति है…। यह छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। टीएस सिंहदेव को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर है। सदन से लेकर बाहर तक भाजपा कोई मौका नहीं छोड़ रही है।

बता दें कि टीएस सिंहदेव ने 16 जुलाई की शाम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 4 पन्नों का पत्र सीएम भूपेश बघेल के नाम भेजकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया। पंचायत मंत्रालय छोड़ने के बाद भाजपा इसे लेकर भूपेश सरकार पर हमलावर है। 18 जुलाई को टीएस सिंहदेव राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बाद दिल्ली चले गए। सिंहदेव विधायक दल की बैठक और विधानसभा सत्र में भी शामिल नहीं हुए हैं। कांग्रेस विधायकों ने सिंहदेव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग हाईकमान से की है। सिंहदेव मामले को लेकर विपक्ष ने विधानसभा में प्रदेश में संवैधानिक संकट बताते हुए जमकर हंगामा किया था। इसके बाद सीएम ने 21 जुलाई को मंत्री रविंद्र चौबे को पंचायत विभाग का प्रभार भी सौंप दिया।

अभी दिल्ली में रुके हुए हैं टीएस सिंहदेव 
बता दें कि सिंहदेव 18 जुलाई को रायपुर आए थे। इसके बाद दिल्ली चले गए। वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भेंट कर भोपाल आ गए थे। सिंहदेव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा था। सिंहदेव 23 जुलाई को भोपाल से फिर दिल्ली गए हैं। अभी वहीं रुके हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि सिंहदेव हाईकमान के सामने प्रदेश में उपजे हालात पर अपनी बात रखेंगे। सिंहदेव ने पंचायत विभाग छोड़ने से पहले सरगुजा में कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा था कि अगर हाईकमान चाहेगा तो कैबिनेट मंत्री का पद भी छोड़ देंगे। इधर विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है।

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