बस्तर संभाग पर मॉनसून फिर मेहरबान, मौसम विभाग का अलर्ट, दक्षिण छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की चेतावनी

छत्तीसगढ़ में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो रहा है। सिस्टम बनने से प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र यानी बस्तर संभाग में शनिवार को भारी से अति भारी बारिश के आसार हैं। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।

छत्तीसगढ़ में मॉनसून एक बार फिर सक्रिय हो रहा है। सिस्टम बनने से प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र यानी बस्तर संभाग में शनिवार को भारी से अति भारी बारिश के आसार हैं। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक भारी बारिश का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है। अन्य स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। 20 दिन पहले भी बस्तर संभाग में भारी बारिश हुई थी, जिससे नदी-नाले उफान पर थे। सुकमा व बीजापुर जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूट गया था। बाढ़ की वजह से दूसरे राज्यों को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे बंद हो गए थे।

मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक मॉनसून द्रोणिका कोटा, रायसेन, रायपुर, दीघा और उसके बाद दक्षिण- पूर्व की ओर पूर्व- मध्य बंगाल की तक खाड़ी तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा झारखंड और उससे लगे गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक फैली हुई है। दूसरा ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। 6 अगस्त को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा भी होने की संभावना है। भारी बारिश का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है

सरगुजा संभाग में अच्छी बारिश नहीं हुई 
उत्तरी छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। अभी किसान फसलों की बोआई कर रहे हैं। कुछ किसानों ने रोपाई का काम कर लिया था, लेकिन बारिश नहीं होने से उनको नुकसान की चिंता सता रही है। बारिश नहीं होने से गर्मी और उमस ने बेचैनी बढ़ा दी है। वहीं सरगुजा संभाग में सामान्य से 65 प्रतिशत कम पानी गिरा है। इस क्षेत्र में सूखे के हालात हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सर्वे कराने कहा है। कलेक्टरों के माध्यम से नजरी आकलन भी किया जा रहा है। मध्य छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद में भी औसत से कम बारिश हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *