आफरों ने बढ़ाई रायपुर में कपड़ा बाजार की रौनक, कारोबार ने पकड़ी रफ्तार

सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी ज़िले का महुलझिर गांव न सिर्फ प्रदेश के सबसे छोटे गांवों में गिना जाता है, बल्कि इसका नाम फौजियों के गांव के रूप में भी शुमार है।इस गांव के करीब 25 फौजी इस समय भारतीय सेना में जवान के पद पर कार्यरत हैं, जबकि 15 से अधिक भूतपूर्व सैनिक हैं। इसे गांव की मिट्टी का असर कहे या फिर देश भक्ति का जज्बा कि सिवनी जिले के माहूलझिर गांव में बसने वाले हर दूसरे घर में एक फौजी है।
इस गांव को प्रदेश में वीरों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है..हर साल यहां से कई युवा फौज में भर्ती होते हैं और बाकी युवा सालभर फौज में जाने के लिए तैयारी करते हैं।शासन की सुविधाओं से महरूम महज पांचवीं तक स्कूल और करीब 800 की आबादी वाला माहूलझिर गांव अब वीरों सपूतों का गांव बन गया है.. यहां के 25 युवा आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे है, जबकि छह युवक युवतियां पुलिस विभाग में भी पदस्थ हैं।

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