मंत्री TS सिंहदेव के भतीजे सचिन की ट्रेन से गिरकर मौत, लुंड्रा जनपद के उपाध्यक्ष थे, रायपुर से लौट रहे थे अंबिकापुर

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे व सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक के उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंहदेव उर्फ सचिन सिंह की बीती रात दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से गिरकर मौत हो गई।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे व सरगुजा जिले के लुंड्रा ब्लॉक के उपाध्यक्ष वीरभद्र सिंहदेव उर्फ सचिन सिंह की बीती रात दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। यह हादसा बिलासपुर संभाग के बेलगहना स्टेशन के पास हुआ है। गुरुवार को सचिन अपनी पत्नी व बच्चों को रायपुर छोड़कर दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस से अंबिकापुर लौट रहे थे। पुलिस को आशंका है कि ट्रेन से पैर फिसलने के कारण सचिन गिर गए होंगे और सिर में गंभीर चोटें आने के कारण उनकी मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

सरगुजा जिले के धौरपुर हाउस के लाल सोमेश्वर प्रताप सिंहदेव के ज्येष्ठ पुत्र वीरभद्र सिंहदेव उर्फ सचिन (40 वर्ष) युवा नेता के साथ जनपद पंचायत लुंड्रा कि उपाध्यक्ष थे। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे सचिन सिंहदेव अपनी पत्नी, 10 वर्षीय पुत्र और 8 वर्षीय बेटी को छोडऩे रायपुर गए थे। उन्हें छोडक़र वे दुर्ग-अंबिकापुर एक्सप्रेस से गुरुवार की रात अंबिकापुर लौटने ट्रेन पर सवार हुए थे। शुक्रवार की सुबह जब वे घर नहीं पहुंचे तब परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की। उनका फोन भी लगाया पर स्वीच ऑफ बता रहा था। पूछताछ करने पर पता चला कि उनका सामान ट्रेन में ही पड़ा है।

रात तक धौरपुर हाउस पहुंचेगा शव
खोजबीन के दौरान यह भी पता चला कि बिलासपुर से पहले बेलगहना स्थित रेलवे ट्रैक पर एक शव पड़ा है। मंत्री सिंहदेव के समर्थक वहां पहुंचे, तब पता चला कि लाश सचिन सिंहदेव की है। परिजनों को जब सूचना मिली तब उनके घर में मातम पसर गया। सूचना मिलते ही परिजन बिलासपुर के बेलगहना पहुंचे। स्थानीय पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के समर्थक बड़ी संख्या में वहां पहुंचे। पीएम पश्चात पुलिस ने शव उनके परिजनों को सौंप दिया। शुक्रवार की देर शाम तक सचिन का शव धौरपुर हाउस पहुंचेगा। घटना में वीरभद्र सिंहदेव के निधन से धौरपुर हाउस समेत इलाके में शोक का माहौल है।

ट्रेन से फिसलकर गिरने की आशंका
हादसा देर रात कैसे हुआ, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है। ऐसी आशंका है कि वे बोगी के गेट पर खड़े रहे होंगे और फिसलकर गिर गए होंगे। देर रात होने के कारण किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। बता दें कि रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने टीएस सिंहदेव से जान का खतरा होने का आरोप लगाया था। बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी। इस विवाद में बृहस्पति सिंह की गाड़ी द्वारा साइड न दिए जाने को लेकर सचिन सिंहदेव से ही विवाद हुआ था। मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे होने के साथ वे क्षेत्र में लोकप्रिय युवा नेता के रूप में भी चर्चित थे।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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