इलाहाबाद हाईकोर्ट: वकीलों के खिलाफ झूठे केस की जांच करेगी सीबीआई, दो महीने के भीतर सौंपना होगा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच CBI को सौंप दी है। वकीलों के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 51 केस दर्ज हैं जिसमें रेप और SC-ST समेत कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच सीबीआई को दे दी है। प्रयागराज के वकीलों के खिलाफ विभिन्न थानों में तकरीबन 51 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें रेप और एसीस-एसटी जैसे गंभीर धाराओं के तहत भी केस दर्ज हैं।

इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम चौधरी वाली पीठ कर रही थी। कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि जो आरोपी व्यक्ति केस लड़ रहे हैं। इसलिए ये आवश्क है कि सीबीआई जांच की जाए। इसके अलावा जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट दो महीने के भीतर सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश किया जाए। हाईकोर्ट ने सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने तक वकीलों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।

जानकारी के मुताबिक एक गिरोह वकीलों के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्ज करा रहा है। 51 मुकदमों में से 36 मुकदमों अकेले मऊआइमा थाने में दर्ज है। वकीलों के मुताबिक पीड़ित पक्ष की ठीक से पैरवी न करने और धन उगाही के लिए दबाव बनाने के नाम पर केस दर्ज है। मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।

वकील भूपेंद्र पांडेय के खिलाफ प्रयागराज के दारागंज थाने में दुराचार का मामला दर्ज है। भूपेंद्र पांडेय के मुताबिक हाईकोर्ट में एक गिरोह सक्रिय है जो एससी-एसटी एक्ट के तहत फर्जी केस दर्ज कराते हैं और सरकार से मिले पैसे को आपस में बांट लेते हैं।

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