यूपी के 12 हजार लोगों को रोजगार देने जा रही है योगी सरकार, जानें क्या है पूरा प्लान

यूपी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के 12 हजार लोगों को योगी सरकार रोजगार देने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है।

यूपी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के 12 हजार लोगों को योगी सरकार रोजगार देने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। दरअसल यूपी सरकार एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के एक हजार स्टाल इस वित्तीय वर्ष के अंत तक खोलने की तैयारी में है। रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप, विदेशों में स्थित दूतावासों, देश के विभिन्न शहरों में स्थित यूपिका के शो-रूम में ओडीओपी बिक्री के ये स्टाल खोले जाएंगे। इन स्टालों के खुलने पर करीब 12 हजार लोग सीधे तौर पर रोजगार से जुड़ेंगे।

ओडीओपी योजना शुरू होने के बाद कोरोना के दौर में प्रदेश सरकार ने इन उत्पादों की मार्केटिंग के लिए पूरा फोकस ऑनलाइन ई-कामर्स प्लेटफार्म पर किया। इसके अलावा देश व प्रदेश में आयोजित होने वाले मेलों में बिक्री के लिए स्टाल दिए जाते रहे हैं। अब जबकि इन उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में तमाम कदम उठाए जा चुके हैं राज्य सरकार इन उत्पादों की बिक्री के लिए अब प्रदेश के साथ ही देश-विदेश में दुकानें व स्टाल खोलने की तैयारी में है।

रेलवे से स्टाल किराये पर लिए जाएंगे

इस दिशा में पहली बड़ी सफलता रेलवे स्टेशनों पर स्टाल खोलने के क्षेत्र में मिलती नजर आ रही है। रेल प्रशासन ने 600 से अधिक स्टेशनों पर ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए स्टाल बनाकर देने की सूची शासन को दे दिया है। प्रदेश सरकार इन स्टालों को रेलवे से किराये पर लेगी और इन स्टालों पर ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए दो शिफ्टों पर हर 15 दिनों के लिए दो कारीगरो/उद्यमियों को अलाट करेगी। इस प्रकार हर साल एक स्टाल से सीधे 48 लोग रोजगार से जुड़ेंगे। दूसरी सफलता इंडिया आयल कारपोरेशन के पेट्रोल पंपों पर मिलती नजर आ रही है। आईओसी प्रदेश व अन्य राज्यों में संचालित अपने पेट्रोल पंपों पर स्टाल बनाकर देगी। इन स्टालों को भी राज्य सरकार किराये पर लेकर कारीगरों/उद्यमियों को ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए दिया जाएगा।

यूपिका के शो-रूम भी बनेंगे ओडीओपी का बिक्री केंद्र

इनके अलावा मुबई, अहमदाबाद, बंगलुरू आदि शहरों में स्थित यूपिका के शो-रूम को भी ओडीओपी बिक्री का केंद्र बनाया जाएगा। विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों को भी दूतावास परिसर में ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए स्टाल का प्रबंध करने के लिए ई-मेल किया गया है। विदेशी दूतावासों से भी सरकार के पास अच्छे रिस्पांस आ रहे हैं। गौरतलब है कि लगातार कोशिशों के बाद भी अभी तक गिने चुने स्टाल ही ओडीओपी के संचालित हैं।

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया, ओडीओपी उत्पादों की बिक्री के लिए अधिक से अधिक स्टाल सार्वजनिक स्थलों पर खोलने की योजना पर काम चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 1000 से अधिक स्टाल खोल देने के लक्ष्य हैं। इन स्टालों से सीधे तौर पर 12 हजार लोग रोजगार से जुड़ेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।