सजा सुनाते वक्त 10 मिनट शांत खड़ा रहा यासीन मलिक, फिर अच्छे कर्मों का हवाला देकर लगाई नरमी की गुहार

गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराए गए यासीन मलिक ने सजा पर बहस के दौरान अपनी सफाई में कहा कि वर्ष 1994 में हथियार छोड़ने के बाद से उसने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का

वर्ष 1990 से 2017 तक कश्मीर घाटी को आतंक से दहलाने वाला यासीन मलिक बुधवार को पटियाला हाउस अदालत में पहले खिसियानी हंसी हंसते हुए दिखा और फिर जैसे ही विशेष न्यायाधीश के सामने पहुंचा तो उसके चेहरे के भाव बदल गए। पहले वह अदालत के समक्ष दस मिनट शांत खड़ा रहा और फिर अचानक अपने अच्छे कर्मों का हवाला दे सजा में नरमी के लिए गिड़गिड़ाया।

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