त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने दिया इस्तीफा, मानिक साहा होंगे नए मुख्यमंत्री

Tripura CM Resigns : बिप्लब कुमार देव ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्य के गवर्नर को त्यागपत्र सौंप दिया है. न्यूज एजेंसी PTI ने ये जानकारी दी है.

अगरतला: 

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव (Tripura CM Biplab Kumar Deb) ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राज्य के गवर्नर  एसएन आर्य को त्यागपत्र सौंप दिया है. न्यूज एजेंसी PTI ने ये जानकारी दी है. हालांकि देव ने किन वजहों से त्यागपत्र दिया है, इसका अभी तक कोई पता नहीं चला है. बिप्लब कुमार देव ने अपने त्यागपत्र पर कहा कि पार्टी चाहती है कि  वो संगठन की मजबूती के लिए काम करें. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है. इस ऐलान के कुछ देर बाद ही बीजेपी विधायक दल (BJP Legislature Party ) की बैठक त्रिपुरा में हुई. इस बैठक में बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. मानिक साहा को विधायक दल का नया नेता चुना गया. इस बैठक में भूपेंद्र यादव, विनोद  तावड़े पर्यवेक्षक थे. माना जा रहा है कि मानिक साहा के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो राज्यसभा सीट खाली होगी, उसके जरिये बिप्लब कुमार देब को चुनाव लड़ाया जा सकता है.

बिप्लब देब ने कहा कि बीजेपी को राज्य में मजबूत करने के लिए वो जमीनी स्तर पर काम करेंगे. मुझे एक मुख्यमंत्री की बजाय पार्टी कार्यकर्ता के नाते काम करना चाहिए. बीजेपी ही अगले साल विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा में सरकार बनाएगी.

त्रिपुरा में अगले साल यानी मार्च 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं. जबकि पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2018 में हुआ था. त्रिपुरा में 60 सदस्यों वाली विधानसभा है. तब 43 फीसदी वोट हासिल करने के साथ बीजेपी ने 36 सीटें जीतकर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी और वहां लंबे समय से चले आ रहे वामपंथी शासन को खत्म किया था. उस चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को महज 16 सीटें ही मिली थीं. जबकि करीब तीन दशकों से त्रिपुरा में वामपंथियों का सत्ता में वर्चस्व बना हुआ था.

बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने उन पर कटाक्ष किया है. तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, बिप्लब कुमार देब लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में नाकाम रहे. उन्होंने पहले ही काफी नुकसान कर दिया है. यही वजह है कि उनकी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी उनकी अकर्मण्यता से परेशान हो गया. यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व त्रिपुरा में टीएमसी के बढ़ते प्रभाव से भी असहज हो गया है.

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