चंडीगढ़ को लेकर हरियाणा-पंजाब क्यों लड़ रहे हैं, क्या हैं इसके सियासी मायने

केंद्र सरकार के दखल देने से केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को लेकर मामला एक बार फिर गरम हो गया है.

पंजाब का पानी और पंजाबी भाषी इलाकों को राज्य को देने सहित चंडीगढ़ पर लंबे समय से पंजाब के अधिकार का दावा करने वाला शिरोमणि अकाली दल सत्ता से बाहर है. इस बार पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने चंडीगढ़ पर अपना अधिकार जताया है.

चंडीगढ़ मुद्दा फिर चर्चा में क्यों है?

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में चंडीगढ़ में कर्मचारियों पर केंद्र के सेवा नियम को लागू करने की घोषणा की थी.

केंद्र के फैसले के बाद, पंजाब के राजनीतिक दलों और राज्य के अधिकारों के लिए लड़ने का दावा करने वालों ने इसे पंजाब के अधिकारों पर हमला करार दिया.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसके खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जिसमें पंजाब को चंडीगढ़ देने की मांग की गई.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया, “आज केंद्र की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पारित किया गया. चंडीगढ़ पर पंजाब के हक़ के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाई जाएगी. देश के लिए गोली खाने के लिए सबसे पहले अपना सीना आगे करने वाले शूरवीरों की धरती पंजाब के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

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