गरियाबंद : कूप निर्माण से मजबूत हो रही है आजीविका : किसान खूबलाल अपने खेत में कुआं खुदवाकर ले रहे दोहरा लाभ

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना से जुड़े जल संरक्षण के कार्यो के साथ-साथ हितग्राहीमूलक कार्य जिसमें किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आए। इस दिशा में कार्य करते हुए मनरेगा योजना का प्रसार-प्रसार, ग्राम सभा एवं प्रत्येक माह के 07 तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन करते हुए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से किया जाता है, जिससे लोगों में योजना के प्रति जागरूकता आई है। जनपद पंचायत फिंगेश्वर से 25 किलोमीटर की दूरी पर और जिला मुख्यालय से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सुरसाबांधा के सीमांत किसान खुबलाल साहू मनरेगा से कूप निर्माण कराकर अपने जीवन की दशा बदल रहे है। हितग्राही श्री साहू अपने खेत में कुआं निर्माण कराकर अपने आर्थिक स्थिति मजबूत करना चाह रहा था।

इसी दौरान वे ग्राम सभा में कूप हेतु आवश्यक दस्तावेज जमा किया और ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु जनपद पंचायत में प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर हितग्राही श्री खुबलाल साहू के खेत में कूप निर्माण के लिए 1 लाख 76 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति 19 मार्च 2021 को जिला पंचायत द्वारा दी गई। खेत में 10 मीटर व्यास एवं 10 मीटर गहराई का ले-आऊट दिया। इसमें श्री खुबलाल ने स्वयं 15 दिवस का कार्य किया एवं अन्य मजदूर द्वारा कुल 137 मानव दिवस का कार्य किया गया। कूप निर्माण की खोदाई की गई जिसके फलस्वरूप 6 मीटर में ही पानी का स्त्रोत मिल गया। लगभग 35 दिनो में यह कार्य मात्र 1 लाख 2 हजार रूपये की लागत से पूर्ण करा लिया गया। जून 2021 में बारिश हुई और कूप पानी से सराबोर हो गया। कूप निर्माण से पूर्व हितग्राही द्वारा अपने खेत पर बारिश पर आधारित फसल का ही उत्पादन किया जाता था। परन्तु कूप निर्माण कराने के पश्चात हितग्राही के द्वारा इस वर्ष खाली जमीन पर भी सब्जी उत्पादन कर रहे है। वे खुद तो उपयोग में ला रहे है एवं बाजार में विक्रय कर अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर रहे है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 2 एकड भूमि में खरीफ फसल से 25 से 30 क्विंटल धान का उत्पादन किया जा रहा था, लेकिन अब कूप निर्माण के बाद दोनों मौसमों में खरीफ एवं रबी फसल लगाकर अपने आमदनी को दोहरा कर सकते है, जिससे वे अपने एवं अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर पायेंगे। इस वर्ष धान के साथ सब्जी उत्पादन की भी बेहतर संभावना है।

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