मुंगेली स्टील प्लांट हादसे में मुआवजे को लेकर विवाद:मृतक परिवारों में राहत राशि को लेकर नहीं बनी सहमति, प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में हुए हादसे के चौथे दिन, मृतक प्रकाश यादव और मनोज धृतलहरे के परिजनों को 23 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। स्टील प्रबंधन ने पीड़ित परिवारों को यह राहत राशि प्रदान की। हालांकि, मुआवजे के बारे में दो मृतकों के परिजनों के बीच अभी सहमति नहीं बन पाई है। एक परिवार 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहा है, जबकि मृतक इंजीनियर जयंत साहू के परिजनों ने 1 करोड़ रुपये मुआवजे और बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च की मांग की है। रविवार को मृतकों के परिजनों की स्टील प्रबंधन और प्रशासन से फिर बातचीत होगी। परिजनों का आरोप है कि कंपनी और प्रशासन दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि शासन और कंपनी से जितनी भी आर्थिक सहायता दी जा सकती है, उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मृतक जयंत साहू के परिवार ने की एक करोड़ मुआवजे की मांग मृतक जयंत साहू के परिवार से अजीत साहू ने कहा कि उनकी मांग ज्यादा नहीं है, केवल मृतक की सैलरी के हिसाब से मुआवजा चाहिए, क्योंकि मृतक के छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनका पालन-पोषण जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी के प्रतिनिधि अब तक नहीं आए हैं। जबकि पुलिस प्रशासन और राजस्व अफसर बातचीत कर रहे हैं और समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। इंजीनियर जयंत साहू के परिजनों ने 1 करोड़ रुपए मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग की है। स्टील प्लांट में हुई थी इंजीनियर सहित 4 की मौत यह हादसा गुरुवार को मुंगेली जिले के रामबोर्ड गांव स्थित कुसुम इस्मेल्टर्स स्टील प्लांट में हुआ, जब एक साइलो (स्टोरेज टैंक) गिरने से इंजीनियर सहित 5 मजदूर इसकी चपेट में आ गए थे। इनमें से 4 की मौत हो गई, जबकि 40 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद मलबे से तीन शवों को निकाला गया। हादसे के दिन दो मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। प्रबंधन ने प्लांट में प्रोडक्शन शुरू करने में की हड़बड़ी दैनिक भास्कर की टीम भी जब हादसे के कारणों का पता लगाया तो जानकारी मिली कि, सालभर पहले शुरू हुए प्लांट में प्रबंधन ने प्रोडक्शन को शुरू करने में हड़बड़ी की है। बिना ट्रायल 20 दिन पहले ही साइलो को इंस्टॉल किया गया। इंस्टॉल भी कमजोर स्ट्रक्चर पर करने की बात सामने आई है। साइलो इंस्टॉल करने के बाद बताया गया कि इसमें खराबी भी आई लेकिन फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई गई। ओवरलोड के कारण साइलो का स्ट्रक्चर हिलने लगा था। इसे गुरुवार दोपहर क्रेन से ठीक किया जा रहा था तभी हादसा हो गया। प्लांट के मैनेजर और प्रबंधकों पर FIR दर्ज हादसे के बाद, जांच में प्रबंधकों और मैनेजर की लापरवाही सामने आई है। कुसुम इस्मेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड प्लांट 11 अगस्त 2020 को शुरू हुआ था, और इसके निदेशक संदीप अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, विशाल अग्रवाल और यश पोद्दार हैं। प्लांट में 350 से अधिक मजदूर काम करते हैं, और यहां आयरन से कच्चा लोहा तैयार किया जाता है। कलेक्टर के निर्देश पर उद्योग विभाग के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच की, जिसमें यह पाया गया कि साइलो में क्षमता से अधिक लोड किया गया था, जिसके कारण दुर्घटना हुई और जोखिम उत्पन्न हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर सरगांव पुलिस ने प्लांट के ऑपरेशन मैनेजर अनिल प्रसाद, इंचार्ज अमित केडिया और अन्य प्रबंधकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।