कोंडागांव पुलिस को संदिग्धों के पास मिले दस्तावेज:बस्तर की आदिवासी बेटियों को फांसने के तार बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं से जुड़े

छत्तीसगढ़ में बस्तर समेत अन्य लड़कियों को फांसकर मुंबई, बिहार, यूपी और जम्मू में पीओके तक ले जाने के बाद इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। लड़कियों को फोन पर अननोन नंबर से फांसने वालों के तार बांग्लादेश के मुस्लिमों, रोहिंग्याओं और दूसरे देशों से जुड़ रहे हैं। कोंडागांव पुलिस की स्पेशल टीम ने ऐसे संदिग्धों को पकड़ा है जिनके पर बांग्लादेशी, रोहिंग्या होने का शक है। राज्य के बाहर के भी समुदाय विशेष के युवा भी पकड़े गए हैं। इन सभी के पास से बड़ी संख्या में स्थानीय लड़कियों के मोबाइल नंबर, फोटो-वीडियो मिले हैं।
भास्कर पड़ताल में कई राज सामने आए। इनमें से एक है कोंडागांव की स्पेशल रेस्क्यू टीम (एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग) द्वारा नाइट चेकिंग के दौरान टोल नाके पर मिले 3 संदिग्ध। इनमें अलामित शेख (55) जिला दिनाजपुर, शफीकुर (33) और टोपाइल शेख (24) बोगरा, बांग्लादेश शामिल हैं। इनके पास बांग्लादेश के नागरिक होने के दस्तावेज मिले हैं। पुलिस इनकी नागरिकता की जांच कर रही है। टोपाइल ने बस्तर-ओडिशा बॉर्डर की स्थानीय लड़की से शादी की है। सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के जिला अध्यक्ष यतींद्र छोटू सलाम कहते हैं- ऐसे मामले पूरे बस्तर में हैं। इसलिए जरूरी है कि बस्तर में आने वाले हर बाहरी ‍व्यक्ति की जांच हो। उधर, बाहरी लोगों से बेटियों की सुरक्षा को लेकर सर्व आदिवासी समाज की अपील पर 7 दिसंबर को कोंडागांव बंद था। स्थानीय मुस्लिमों ने भी दुकानें बंद रखीं। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा पहुंचे थे। उन्होंने समाज के पदाधिकारियों से बात की। एसपी-कलेक्टर से स्कूल-कॉलेज में जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। फेरीवाले बन आते हैं जाल बिछाने वाले, पहचान बढ़ाकर नंबर लेते हैं पुलिस जांच में सामने आया कि लड़कियों को फांसने वाले संदिग्ध फेरीवाले बनकर लड़के, लड़कियों को कम दाम में चीजें बेचते हैं। बार-बार सामान बेचने पर पहचान हो जाती है, तो मोबाइल नंबर ले लेते हैं। कई बार ये टाइल्स मिस्त्री, इलेक्ट्रीशिन, कबाड़ी के रूप भी घूमते हैं। ये नंबर बाहर भेज दिए जाते हैं। फिर इन नंबरों पर रॉन्ग कॉल आने शुरू हो जाते हैं। पुलिस का कहना है कि स्थानीय नहीं बाहरी लोग इंवोल्व हैं। अब तक 260 से अधिक लड़कियां इनके जाल में फंस चुकी हैं। आदिवासी लड़कियों से शादी कर पीएम आवास के मकान हासिल कर रहे हैं
भास्कर पड़ताल में पता लगा कि बाहरी मुस्लिम युवा आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी ही जमीन खरीद सकता है, वे लड़कियों के नाम पर जमीन खरीद रहे हैं। इनके पास आधार, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान भी उन्हें मिल गए हैं। एसपी कुमार बोले- अपने रिसेंट कॉल के स्क्रीन शॉट तक भेज रही लड़कियां
एसपी अक्षय कुमार ने भास्कर को बताया कि बाहरी लड़के स्थानीय लड़कियों से बात करते हैं और ​उन्हें विश्वास में लेते हैं। लड़कियां सिर्फ उनसे ही बात कर रही हैं, वे उनसे रीसेंट कॉल और चैट का स्क्रीन शॉट मांगते हैं। इन स्क्रीन शॉट में जो नंबर होते हैं, ये लड़के उनमें रॉन्ग कॉल करते हैं। इस प्रकार नंबर शेयर हो रहे हैं। ऐसे मामले: 16 साल का फैजल नहीं जानता-हिंदू है या मुस्लिम कोंडागांव में रोशनी (बदला हुआ नाम) की कहानी हैरतभरी कहानी है। उसके मुताबिक शेख अली (ओडिशा) ने मुझसे कोंडागांव में शादी की। मैंने उसके सारे रिवाज अपनाए, मगर अपना धर्म नहीं छोड़ा। कुछ साल बाद उसने गाली-गलौच, मारपीट और पैसे मांगना शुरू कर दिए। वहां गांजा पीता था। शक करता था। एक दिन शेख की भाभी ने मुझसे कहा- तुम भाग जाओ। मैं अपने बच्चे के सा​थ मां के पास आ गई। उसने मेरे बच्चे के आधार में शेख फैजल लिखवाया। शेख अली जेल में हैं। मैंने दूसरी शादी कर ली। बेटा हिंदू होते हुए भी मुस्लिम नाम से जी रहा है। अब जाति-नाम परिवर्तित कराने के लिए भटक रही हूं। पीओके तक पहुंची पुलिस कोंडागांव पुलिस बस्तर की एक बेटी को बचाने के लिए पीओके तक पहुंची। उसके बाद उसे रेस्क्यू कर लिया। उसे संदिग्ध अपराधियों का क्लू दो साल पहले कोंडागांव-जगदलपुर बॉर्डर पर कुछ फेरीवालों को पकड़ने पर मिला ​था। उनके पास बस्तर की 5 लड़कियों के नंबर मिले। संदिग्धों को लेकर पुलिस अभियान चला रही है।

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