सहस्त्रधारा से मनुष्य के पाप का नाश व मन की शुद्धि होती है: पं. कालेश्वर
बालोद| ग्राम नेवारीकला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत महापुराण में बुधवार को तुलसी वर्षा व परीक्षित मोक्ष की कथा के साथ समापन हुआ। इसके बाद गांव में भागवत महापुराण की बाजे-गाजे व आतिशबाजी के साथ शोभायात्रा निकली गई। तुलसी वर्षा के दौरान पंडित कालेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि बांके बिहारी को तुलसी बहुत प्रिय है, इसलिए तुलसी अर्पण से भगवान कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। सहस्त्रधारा से मनुष्य के पापों का नाश होता है और शुद्धि होती है। राजा परीक्षित को मोक्ष की कथा सुनाई। जिसमें बताया कि श्रृंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सांप भेष बदलकर राजा परीक्षित के पास पहुंचकर उन्हें डंस लेता है और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है। वहीं श्रीमद्भागवत कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है। पिता की मृत्यु को देखकर राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय क्रोधित होकर सांप को नष्ट करने आहुतियां यज्ञ में डलवाना शुरू कर देते हैं, जिनके प्रभाव से संसार के सभी सांप यज्ञ कुंडों में भस्म होना शुरू हो जाते हैं, तब देवता सहित सभी ऋृषि मुनि राजा जन्मेजय को समझाते हैं और उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं।