15 से ज्यादा बड़े नक्सली एक साथ जुटे थे 500 से ज्यादा जवानों ने घेरा गुंडराजगुड़ेम

भास्कर न्यूज | सुकमा सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर गुंडराजगुड़ेम के जंगल में गुरुवार की सुबह मुठभेड़ में जवानों ने नक्सली संगठन के पीपीसीएम कोरसा महेश समेत 3 नक्सलियों को ढेर कर दिया। दो अन्य नक्सली एसीएम मेंबर बताए जा रहे हैं, हालांकि उनकी अब तक शिनाख्त नहीं हुई है। ये बड़े ऑपरेशन हाल में खुले दो नए कैंप से चलाए। मेटागुड़ा व गोमगुड़ा में सीआरपीएफ ने फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस कैंप कुछ समय पहले शुरू किया है। इससे जवानों को अब पिन-प्वाइंट सूचनाएं मिल रही हैं। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खुले कैंप सुरक्षाबलों के लिए ऑपरेशन लॉन्च करने में मददगार साबित हो रहे हैं। बुधवार की देर रात एसटीएफ, डीआरजी व कोबरा की पार्टी के 500 से ज्यादा जवान ऑपरेशन में शामिल थे। अबूझमाड़ में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के चलते नक्सलियों ने डेरा सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर डाल रखा था। यहीं से वे बड़ी वारदात की रणनीति तैयार करने की फिराक में थे। यहां बड़े नक्सली नेता मदन्ना और मनीला समेत करीब 15 से ज्यादा बड़े कैडर के नक्सली थे। दरअसल अबूझमाड़ में बढ़ते दबाव के नक्सली विकल्प तलाश रहे हैं। मुठभेड़ में मारे गए 2 नक्सलियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि मुठभेड़ में पीपीसीएम कोरसा महेश मारा गया है, जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित है। इसके अलावा दो अन्य नक्सली एसीएम मेंबर बताए जा रहे हैं। उन पर भी 5-5 लाख का इनाम घोषित है। कोरसा महेश जगरगुंडा के बेदरे कैंप के पास उपनिरीक्षक की हत्या और कुंदेड़ के पास 3 जवानों की हत्या में शामिल था। पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। बीजापुर और सुकमा जिले के सरहदी इलाकों में खुल रहे पुलिस कैंप से नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा है। पुलिस की गोली से बचने निचले कैडर समर्पण कर रहे हैं। नक्सलियों का सूचनातंत्र अब कमजोर होता जा रहा है। पीएलजीए के लिए महफूज माने जाने वाले इलाकों में सुरक्षा बलों की आमदरफ्त बढ़ गई है। इसके चलते नक्सली संगठन में बिखराव हो रहा है। निचले कैडर में मिलिशिया और ग्राम कमेटी मेंबर अब संगठन से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक पुलिस कैंपों से नक्सलियों के पास कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है। नक्सली भटकते नजर आ रहे हैं। एसपी ने किया दावा- बड़े कैडर के 3 नक्सली हुए ढेर: सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि मुठभेड़ में 3 बड़े कैडर के नक्सली मारे गए हैं। इसके साथ ही मौके से कई हथियार भी बरामद किए हैं। शिनाख्त की जा रही है। बड़े नक्सलियों की मौजूदगी के इनपुट पर लॉन्च किए ऑपरेशन में जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है। करीब 10 किमी तक जवान नक्सलियों के लिए सबसे महफूज माने जाने वाले इलाके में घुसे। सुबह होते तक ठिकानों को चारों ओर से घेर लिया। सुबह 10 बजे नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग की। करीब 2 घंटे रुक-रुककर गोलीबारी जारी रही। वहीं पामेड़ थाना क्षेत्र के पलीगुड़ा व चिंतागुफा थाना क्षेत्र के गुंडराजगुड़ेम के बीच जंगल में मुठभेड़ हुई। डीवीसीएम मदन्ना व मनीला भाग निकलने में कामयाब हो गए। बीजापुर जिले के कुटरू में आईईडी विस्फोट के बाद नक्सली सुकमा जिले में भी वारदात की फिराक में थे। डीवीसीएम मदन्ना, मनीला समेत 15 से ज्यादा नक्सली सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर गुंडराजगुडेम-पलीगुड़ ा के जंगल में छिपे हुए थे। जैसे ही पुलिस को इसकी सूचना मिली, हाल में खुले नए कैंप मेटागुड़ा, गोमगुड़ा, दुलेड़ और सलातोंग से डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा की पार्टी को बुधवार की देर रात रवाना किया।

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