सच लिखते हुए शहीद हुआ मुकेश चंद्राकर:कोंडागांव में पत्रकारों ने निकाली मौन रैली; कहा- दोषी अधिकारियों को भी बर्खास्त किया जाए

कोंडागांव में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के विरोध में जिले के पत्रकारों ने स्थानीय रेस्ट हाउस से जय स्तंभ तक मौन रैली निकाली। रैली के अंत में पत्रकारों ने कैंडल जलाकर स्व. मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी और अपनी कलम उनकी तस्वीर के सामने रख दी, प्रतीक स्वरूप यह संदेश दिया कि सच लिखने की लड़ाई में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। रैली के दौरान पत्रकारों ने कहा कि प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून केवल कागजों तक सीमित है। किसी भी सरकार ने पत्रकारों को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं। हम अपनी कलम सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता और सच्चाई के लिए चलाते हैं। यदि पत्रकार मुकेश चंद्राकर द्वारा उजागर किए गए भ्रष्टाचार के मामले पर समय रहते प्रशासन और सरकार ने कार्रवाई की होती, तो आज उनकी हत्या की नौबत नहीं आती। पत्रकारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए दोषी अधिकारियों की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने सरकारी खजाने से फर्जी रकम निकालकर भ्रष्टाचार किया, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर सच लिखना गुनाह है और उस पर कार्रवाई नहीं होती, तो हमारी कलम आज स्व. मुकेश चंद्राकर की प्रतिमा के सामने छोड़ दी गई है। अब यह सरकार को तय करना है कि वह क्या करना चाहती है।’

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