कार्रवाई:बिलखते सहायक शिक्षकों ने भाजपा कार्यालय का घेराव कर किया चक्काजाम
सहायक शिक्षकों को हटाया, समायोजन के लिए सीएस की अध्यक्षता में बनाई समिति बीएड डिग्रीधारी 2897 सहायक शिक्षकों की सेवा समाप्ति के बाद शासन ने उनके समायोजन की संभावनाओं पर विचार शुरू कर दिया है। बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। यह समिति हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए गए सहायक शिक्षकों के समायोजन या ऐसी ही किसी दूसरी संभावनाओं पर विचार कर शासन को रिपोर्ट देगी। इससे पहले बस्तर और सरगुजा संभाग में तैनात सहायक शिक्षकों को जिला स्तर पर बर्खास्तगी का आदेश थमाया गया। इस मामले में पहले 2 मार्च 2024 को सीधी भर्ती 2023 में बीएड पात्रता के आधार पर चयनित सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को हाईकोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया और डीएड की पात्रता वाले अभ्यर्थियों को चयन करने का आदेश जारी किया। हाईकोर्ट के निर्णय के विरूद्ध राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिसे 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस निर्णय पर भी पुनर्विचार के लिए राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की, जो अभी लंबित है। हाईकोर्ट द्वारा 2 मार्च 2024 के आदेश के परिपालन को लेकर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की याचिका दाखिल की गई, जिसके बाद विभाग ने हाईकोर्ट में डीएड पात्रता वाले संभावित चयन सूची प्रस्तुत की। नौकरी जाने के बाद बीएड धारी सहायक शिक्षकों ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर किया प्रदर्शन
बुधवार को बर्खास्तगी का आदेश मिलने के बाद तूता के धरनास्थल पर समायोजन की मांग के लिए बैठे सहायक शिक्षक भड़क गए और रैली निकालते हुए नेशनल हाइवे जाम कर दिया। इसके तहत बड़ी संख्या में हड़तालियों ने माना बस्ती नाला पुल पर बैठकर नारेबाजी की। सहायक शिक्षक प्रदेश भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर भी पहुंच गए, जहां रोते-बिलखते हुए उन्होंने अपनी नौकरी बचाने के लिए नारेबाजी की। धूप में बैठकर नारेबाजी करते 3 सहायक शिक्षकों की तबीयत भी बिगड़ी, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। माना थाना पुलिस ने बिना अनुमति के रैली निकालने, रास्ता जाम करने और भाजपा कार्यालय परिसर में तोड़फोड़ करने के आरोप में 30 सहायक शिक्षकों को प्रतिबंधक धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें सेंट्रल जेल परिसर ले जाया गया। नौकरी बचाने सहायक शिक्षकों ने ये सब किया