बिलासपुर में फिर सुलगा पुलिस और राजस्व का विवाद:तहसीलदार के भाई का आरोप- तीन दिन में मांगी थी रिपोर्ट, 39 दिन बाद नहीं लिया एक्शन

बिलासपुर में नायब तहसीलदार की पिटाई कांड के बाद पुलिस और राजस्व विभाग का विवाद एक बार फिर से सुलगने लगा है। सोमवार को बयान देने पहुंचे बस्तर जिले के करपावंड के नायब तहसीलदार का भाई बयान देने एएसपी ऑफिस पहुंचे, तब उन्होंने पुलिस अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच में लीपापोती करने का आरोप लगाया और कहा कि आईजी और एसपी ने तीन दिन के भीतर केस की जांच कराने की बात कही थी। लेकिन, 39 दिन बाद भी अब तक जांच नहीं की गई है और न ही उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खत्म करने की कार्रवाई की जा रही है। दरअसल, सरकंडा के अशोक नगर में निवासी पुष्पराज मिश्रा बस्तर जिले के करपावंड में नायब तहसीलदार हैं। 17 नवंबर की देर रात वो अपने इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा और पिता के साथ रेलवे स्टेशन से लौट रहे थे। तभी दो पुलिसकर्मियों ने उन्हें अशोक नगर स्थित डीएलएस कॉलेज के पास रोक लिया। इस दौरान तहसीलदार के परिचय देने के बाद भी जवानों ने दुर्व्यवहार किया, जिसके बाद थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी। तत्कालीन थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग ने उन्हें थाने बुलवा लिया। इस दौरान थाने में सीएसपी सिद्धार्थ बघेल की मौजूदगी में उनके साथ धक्कामुक्की करते हुए दुर्व्यवहार किया गया। जब कलेक्टर अवनीश शरण से बात कराई, तब उल्टा सरकारी काम में बाधा का केस दर्ज कर लिया। साथ ही आरोप लगाया गया कि नायब तहसीलदार शराब के नशे में था। नायब तहसीलदार को अपराधी की तरह थाने ले गए‎
दरअसल नायब तहसीलदार पुष्पराज ​ मिश्रा अपनी मां की तबीयत‎ खराब होने की जानकारी मिलने के बाद देर रात बिलासपुर पहुंचे थे।‎ अशोक नगर के पास पुलिस की गश्त टीम ने‎ उन्हें रोकने की कोशिश की । पुष्पराज ने‎ कुछ दूरी पर जाकर अपनी गाड़ी रोकी।‎ इसके बाद विवाद उपजा और पुलिस वाले‎ उन्हें अपराधी की तरह पकड़कर थाने ले‎ आए। आरोप है कि थाना प्रभारी तोप सिंह‎ नवरंग ने थाने में नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र‎ मिश्रा के साथ बदसलूकी की। मुलाहिजा‎ के लिए ले जाते समय धक्के देकर गाड़ी में बिठाया गया।‎ कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी‎ थानेदार ने कर दी एफआईआर‎
इस विवाद के दौरान नायब तहसीलदार के इंजीनियर‎ भाई ने देर रात कलेक्टर अवनीश शरण को फोन‎ लगाया। इस दौरान उन्होंने थानेदार से भी बात‎ कराई। कलेक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद भी‎ तत्कालीन थाना प्रभारी तोप सिंह ने मामले को‎ गंभीरता से नहीं लिया और नायब तहसीलदार और‎ उसके भाई के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।‎ बवाल मचा, तब एसपी-आईजी ने दिए जांच के आदेश
इस घटना के दूसरे दिन नायब तहसीलदार के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ सहित राजस्व अफसरों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बवाल मचने पर एसपी रजनेश सिंह व आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने तीन दिन के भीतर एडिशनल एसपी से जांच कराने और रिपोर्ट मांगने का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि विवाद का पटाक्षेप हो गया है। तहसीलदार के खिलाफ दर्ज केस को भी खत्म करने का भरोसा दिलाया गया। टीआई ने पीटा, जेब में हाथ डालकर खड़े रहे सीएसपी
सरकंडा थाने में टीआई तोप सिंह ने नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा से मारपीट की थी। ये घटना थाना परिसर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी जो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा था। दोनों के बीच विवाद का ऑडियो भी सामने आया था, जिसमें टीआई नवरंग ने बोला था कि ईगो हर्ट हो गया, रूक थाने आता हूं। वहीं, थाने के वीडियो में टीआई नवरंग नायब तहसीलदार के साथ धक्कामुक्की और मारपीट करते भी दिख रहा है। इस दौरान सीएसपी सिद्धार्थ बघेल भी मौजूद थे, जो जेब में हाथ डालकर खड़े दिख रहे हैं। भाई बोला- पुलिस प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग
नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा के इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा का आरोप है कि इस घटना के बाद अफसरों की समझाइश और आश्वासन पर वो शांत हो गए थे। लेकिन, घटना के 39 दिन बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई के नाम पर केवल टीआई को थाने से हटाया गया है। पूरे मामले में तीन दिन के भीतर जांच‎ पूरी करने की बात कही गई थी, जो नहीं हुई। थाने में लगे सीसीटीवी‎ कैमरे के फुटेज तक प्रस्तुत नहीं किए। सूचना के अधिकार में भी‎ उन्हें जानकारी नहीं दी जा रही है।प्रारंभिक जांच की न तो रिपोर्ट दर्ज की है और न ही उनके खिलाफ दर्ज केस वापस लेने पर कोई फैसला लिया गया है। ऐसे में पुलिस अफसरों की कार्यप्रणाली संदेहास्पद है। एसपी बोले- चल रही है विभागीय जांच
एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि इस मामले की प्रारंभिक जांच हो चुकी है, जिसमें टीआई को आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच शुरू की गई है। विभागीय जांच की प्रक्रिया थोड़ी लंबी है। एफआईआर पर खात्मा कोर्ट की प्रक्रिया है। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। नायब तहसीलदार और उनके परिवार को पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए। उनके साथ अन्याय नहीं होगा। केस में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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