श्रीमद भागवत में शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाई गई
बालोद। ग्राम लिमोरा में श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कुरना कांकेर के पंडित तोरण महाराज ने शिव-पार्वती विवाह कथा का वर्णन किया। उन्होंने कथा में बताया कि हिमालय राज की कन्या पार्वती बड़ी होने लगती हैं। पार्वती ने मन में प्रण लिया की वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवता भी शिवजी को मनाते हैं कि वह पार्वती से विवाह कर लें लेकिन शिवजी इसके लिए तैयार नहीं हुए। माता पार्वती शिव को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या करती हैं। भगवान शिव प्रसन्न हो विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। देवताओं, भूत, प्रेतों, पिशाचों को लेकर तन में भस्म लगाए बारात लेकर हिमालयराज के यहां पहुंचते हैं। माता मैना दूल्हे का भेष देखकर डर जाती हैं और पार्वती का विवाह करने से मना कर देती हैं। सभी ने समझाया कि शिव कोई साधारण नहीं हैं वह तो देवों के देव हैं। मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह होता है और देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं।