राजनांदगांव आरक्षक भर्ती रद्द…SIT करेगी जांच:3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री, कांग्रेस बोली-घपला कर युवाओं के हक को बेचा गया
छत्तीसगढ़ सरकार ने राजनांदगांव आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी और सुसाइड के बाद रद्द कर दिया है। CM साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह फैसला लिया। वहीं दुर्ग IG दीपक कुमार झा ने जांच के लिए SIT टीम बनाई है, जो 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। भर्ती में करीब 3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री की गई है। इस मामले में एक अभ्यर्थी, 4 कॉन्स्टेबल समेत अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संदिग्धों के वॉट्सऐप और मोबाइल की जांच की जा रही है। भर्ती रद्द होने पर कांग्रेस ने कहा कि जिसने शिकायत की उसे ही जेल में डाल दिया। घपला हुआ है, गड़बड़ी हुई है, युवाओं के हक को बेचा गया है। आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई- कांग्रेस कांग्रेस संचार प्रदेश प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रक्रिया रद्द करने से काम नहीं चलेगा। प्रक्रिया रद्द करके आपने स्वीकार कर लिया है कि गड़बड़ी हुई है। इस मामले में एक कॉन्स्टेबल ने भी आत्महत्या की है, जिसे आपने कथित तौर पर दोषी बताया था। उन्होंने कहा कि जिस लड़की ने मामले में लीपापोती की शिकायत की थी, आपने उसे भी जेल में डाल दिया है। उसे ही आरोपी बना दिया है। आत्महत्या केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए, जिसने गड़बड़ी की है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। नवंबर से शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया दरअसल, राजनांदगांव जिले में 16 नवंबर 2024 से 528 पदों पर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान नंबरों में गड़बड़ी की गई। लालबाग थाने में भर्ती प्रक्रिया के 1 महीने बाद 16 दिसंबर 2024 को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। इवेंट कंपनी के डाटा एंट्री में अलग-अलग जानकारी बताया जा रहा है कि लगभग हर इवेंट कंपनी के डाटा एंट्री में विरोधाभास मिला है। मैनुअल नंबर और कंपनी के नंबर अलग-अलग हैं। वहीं इवेंट के टाइम और अंक दर्ज करने के टाइम में भी अंतर है। हालांकि कंपनी के अफसर लगातार वास्तविक डाटा जुटाने के लिए प्रयास जारी होने की बात कह रहे हैं, लेकिन अब तक वास्तविक डाटा नहीं मिल पाया है। आरक्षक के सुसाइड के बाद हुआ खुलासा मामले से जुड़े आरक्षक अनिल रत्नाकर ने 21 दिसंबर को लालबाग थाना इलाके के रामपुर रोड से 1 किलोमीटर अंदर पेड़ पर फांसी लगा ली थी। आरक्षक का नाम अनिल रत्नाकर (25 साल) था। वो खैरागढ़ पुलिस में पदस्थ था और फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की निगरानी में शामिल था। हथेली पर लिखा सुसाइड नोट अनिल सरायपाली बसना का रहने वाला था और उस पर भी भर्ती में लेन-देन के आरोप थे। आरक्षक अनिल रत्नाकर ने हथेली पर सुसाइड नोट में लिखा था कि, ‘आरक्षक भर्ती में कर्मचारी को फंसाया जा रहा है, अधिकारी को बचाया जा रहा है। इसमें सभी इन्वॉल्व हैं।’ मामले में 7 लोग अरेस्ट, जांच के लिए बनी SIT पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें कवर्धा के पंडरिया ब्लॉक निवासी अभ्यर्थी मीना पात्रे भी शामिल है। वहीं, 4 कॉन्स्टेबल परिधि निषाद, पवन कुमार साहू, योगेश कुमार धुर्वे, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी हैं, जिन्हें अरेस्ट किया है। हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी भर्ती की जिम्मेदारी बता दें कि, राजनांदगांव में संभाग स्तर पर पुलिस भर्ती प्रक्रिया का फर्स्ट फेज यानी फिजिकल फिटनेस 16 दिसंबर से चल रही थी। भर्ती प्रक्रिया के लिए बाहर से टेक्निकल टीम बुलाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी को दी गई थी। अलग-अलग इवेंट के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। 10 से 12 पुलिस आरक्षकों को भी शक के दायरे में रखा गया इस दौरान एएसपी, डीएसपी लेवल के अधिकारियों ने बूथ चेकिंग के लिए पहुंचे, जिसमें बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया। एसपी ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में टेक्निकल कर्मचारियों के साथ-साथ लगभग 10 से 12 पुलिस आरक्षकों को भी शक के दायरे में रखा गया है। साथ ही कंपनी की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है। सत्ता से जुड़े एक शख्स भी जांच के घेरे में चर्चा है कि सत्ता से जुड़े एक शख्स भी जांच के घेरे में है। वह पूर्व सांसदों का प्रतिनिधि भी रह चुका है, जिनके वॉट्सऐप और मोबाइल की जांच की जा रही है। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती में एक ही इवेंट कंपनी टाइमिंग टेक्नोलॉजी हैदराबाद को जिम्मेदारी दी गई है, जो प्रदेशभर में भर्ती प्रक्रिया करा रही है। वहीं हर भर्ती सेंटर का प्रमुख आईजी को बनाया गया है, लेकिन राजनांदगांव इकलौता भर्ती सेंटर है, जहां SP को भर्ती अध्यक्ष बनाया गया है। ……………………………….. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… आरक्षक सुसाइड केस…परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल: पुलिस भर्ती में एक ही कंपनी को ठेका; गड़बड़ी में सत्ता पक्ष से जुड़े शख्स का नाम उछला राजनांदगांव में 528 पोस्ट पर पुलिस भर्ती गड़बड़ी केस में नाम उछलने के बाद आरक्षक अनिल रत्नाकर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गड़बड़ी केस में 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें 4 आरक्षक और इवेंट कंपनी के 2 कर्मचारी शामिल हैं। वहीं 14 कर्मचारियों पर गड़बड़ी का अंदेशा है। पढ़ें पूरी खबर…