लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह के 10 शूटरों को गुरुग्राम पुलिस ने किया गिरफ्तार

गैंगस्टर एक व्यक्ति का अपहरण करके फिरौती वसूलने की फिराक में थे, पुलिस यूनिफार्म पहनकर वारदात करने की योजना थी

नई दिल्ली : 

गुरुग्राम पुलिस ने गोपनीय सूचना पर मेहंदवाड़ा भौंडसी में डकैती की योजना बना रहे सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ के बाद उनके तीन और साथियों को पकड़ लिया गया है. आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि वे सभी कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई व गोल्डी बराड़ गैंग के सक्रिय शूटर हैं. वे गुरुग्राम में डकैती और अपहरण की बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आए थे.

पकड़े गए आरोपियों की पहचान राकेश कुमार उर्फ अनिल (24), हरजोत सिंह उर्फ लीला (23), अजय इशरवालिया उर्फ पंजाबी (20), प्रिंस उर्फ गोलु (18), जोगिन्द्र उर्फ जोगा (31), संदीप उर्फ दीप (23) व सिंदरपाल उर्फ बिट्टू (33) के रूप में हुई. इनसे पूछताछ के बाद तीन अन्य आरोपियों धर्मेद्र उर्फ धर्मा (27) दीपक उर्फ दिलावर (26) व भरत पुत्र करण (24) को राजीव चौक देवीलाल स्टेडियम के पास से पकड़ा गया. उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद हुए. आरोपियों पर बंधक बनाकर डकैती डालने की योजना बनाने का मामला गुरुग्राम के पुलिस थाना भौंडसी में दर्ज किया गया है.

आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वे कुख्यात गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई व गोल्डी बराड़ गैंग के शूटर हैं. डकैती व अपहरण की वारदात को अंजाम देने के लिए इन्होंने जो योजना बनाई थी उसके अनुसार जोगिन्द्र उर्फ जोगा पुलिस इंस्पेक्टर बनकर और अन्य सदस्य भी पुलिस की वर्दी पहनकर वारदात करने वाले थे. उनकी एक व्यक्ति का अपहरण करके फिरौती के रूप में करोड़ों रुपये ऐंठने की योजना थी.

एसीपी वरुण दहिया ने बताया कि आरोपियों ने बताया है कि विदेश में बैठे गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा व वीरू के इशारे पर ही वे वारदात करते हैं. इस वारदात को अंजाम देने के लिए वे पुलिस की वर्दी, बेल्ट, जूते आदि लेकर आए थे. वे विदेश में बैठे गोल्डी बराड़ आदि से लगातार संपर्क में थे तथा उन्हीं के निर्देश पर गुरुग्राम से एक व्यक्ति का अपहरण करके उससे करोड़ों रुपये की फिरौती वसूल करना चाहते थे.

इन आरोपियों के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के प्रयास, चोरी, मारपीट, धमकी देने, अवैध हथियार रखने आदि के मामले हरियाणा के विभिन्न जिलों भिवानी, पंचकूला, सिरसा, अम्बाला, गुरुग्राम सहित मोहाली (पंजाब) और राजस्थान में दर्ज हैं.

पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 पिस्टल, 28 जिंदा कारतूस, दो गाड़ियां,एक डंडा, एक टॉर्च व सात पुलिस की ड्रेसें बरामद की हैं. यह भी ज्ञात हुआ है कि उनके पास मिली होंडा सिटी कार दिल्ली से चोरी की गई थी.

गैंग के सदस्यों का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड

जोगेंद्र उर्फ जोगा एक वांछित अपराधी है. मूलरूप से यह गांव बड़दूनई जिला भिवानी का निवासी है. इसके विरुद्ध लूट, डकैती, जानलेवा हमला करने, जबरन उगाही जैसे संगीन अपराधों के 15 से भी अधिक केस दर्ज हैं. यह कई बार जेल जा चुका है. यह वर्ष 2017 से अक्टूबर 2021 तक 5 साल अम्बाला जेल में बंद रहा था. वर्ष 2021 में यह जेल से छूटकर बाहर आया था. फरवरी, 2022 में इसे गिरफ्तार किया गया था तथा लगभग 35 दिन बाद जमानत पर बाहर आया था. उसके बाद से यह पेशी पर कोर्ट में पेश नहीं हुआ तथा फरार चल रहा था. कुछ मामलों में यह अभी गिरफ्तार भी नहीं हुआ है. पटियाला जेल में बंद रहने के दौरान इसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई व उसकी गैंग के सदस्यों से हुई थी तथा इसके बाद यह इस गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया.

हरजोत सिंह उर्फ नीला मूल रूप से गांव बदरकलाई, जिला मोगा (पंजाब) का रहने वाला है. इसके खिलाफ थाना बधनी कलां मोगा (पंजाब) में मारपीट, हत्या के प्रयास व मादक पदार्थ रखने/बेचने इत्यादि अपराधों के 6 मामले दर्ज हैं.

सिंदरपाल उर्फ बिट्टू मूल रूप से गांव कलवानु, जिला पटियाला (पंजाब) का रहने वाला है और इसके खिलाफ पटियाला में डकैती, मादक पदार्थ जैसे अपराधों के तीन केस दर्ज हैं.

संदीप उर्फ दीप मूल रूप से गांव सिसाय (हिसार) का रहने वाला है और इसके विरुद्ध हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है.

अजय इशरवालिया उर्फ पंजाबी मूल रूप से इशरवाल (भिवानी) का रहने वाला है और इसके विरुद्ध भी एक केस दर्ज है.

आरोपियों से पूछताछ की जा रही है तथा इनके आपराधिक रिकॉर्ड के बारे भी जानकारी एकत्रित की जा रही है. आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस हिरासत में लिया जाएगा.

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