पीटी उषा पहुंचीं जंतर-मंतर, पहलवानों से धरना खत्म करने की अपील

भारतीय ओलंपिक संघ की अघ्यक्ष पीटी उषा ने पहलवानों से धरना प्रदर्शन खत्‍म करने की अपील की है.

नई दिल्‍ली: 

भारतीय ओलंपिक संघ की अघ्यक्ष पीटी उषा जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलने पहुंची हैं. पीटी उषा ने धरना कर रहे पहलवानों से बातचीत की है. पहलवान पिछले 11 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस दौरान उनकी सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि पीटी उषा ने पहलवानों से धरना प्रदर्शन खत्‍म करने की अपील की है. बता दें कि इससे पहले भी पीटी उषा कह चुकी हैं कि पहलवानों को ऐसे धरना प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. ऐसे देश की छवि धूमिल होती है.

डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर खिलाड़ियों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज हो गया है. सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा प्रदान की थी. उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि सिंह के खिलाफ उनकी शिकायतों के बाद पहलवानों को सुरक्षा प्रदान की जाए. सिंह पर दो प्राथमिकी में एक महिला की लज्जा भंग करने, पीछा करने और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है. सात महिला पहलवानों और एक नाबालिग लड़की द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा सांसद ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है.

बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दे रखा हैं. वह बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. उनकी मांग है कि आरोपों की जांच करने वाले केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए.

इससे पहले प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए पी टी उषा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है. आईओए को आरोपों पर अपनी जांच अभी पूरी करनी है जबकि सरकार द्वारा गठित निगरानी पैनल की जांच को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. तीन महीने के लंबे इंतजार से निराश पहलवानों ने 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. स्पष्ट है पहलवानों के इस कदम से आईओए खुश नहीं था.

उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था, “यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर हम उनकी भावनाएं समझते हैं. आईओए की एक समिति और खिलाड़ी आयोग है. सड़कों पर उतरने की बजाय उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, लेकिन उनमें से कोई भी आईओए के पास नहीं आया.” उषा से पूछा गया कि क्या आईओए पहलवानों से संपर्क करेगा, क्योंकि वे इस बात पर अड़े हैं कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ेंगे, उन्होंने कहा, “थोड़ा तो अनुशासन होना चाहिए. हमारे पास आने के बजाय वे सीधे सड़कों पर उतर गए यह खेल के लिए अच्छा नहीं है.” आईओए के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कहा, “आईओए अध्यक्ष पीटी उषा यह कहना चाहती हैं कि इस तरह का आंदोलन देश की छवि के लिए अच्छा नहीं है. विश्व स्तर पर भारत की अच्छी साख है। यह नकारात्मक प्रचार देश के लिए अच्छा नहीं है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *