नासा ने आर्टेमिस II मिशन के लिए पहली महिला और पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री को चुना

50 साल बाद नासा की तरफ से चार अंतरिक्ष यात्री फिर से चांद पर भेजे जाएंगे. इस बार जो चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाएंगे उनमें क्रिस्टीना कोच मिशन के लिए नियुक्त पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनेंगी.

अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 50 साल बाद मून मिशन पर भेजने के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों की सोमवार को घोषणा की. इनमें पहली बार एक महिला और एक अश्वेत शामिल किए गए हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अंतरिक्ष संस्‍था नासा ने अपने मून मिशन का ऐलान किया है. 50 साल बाद नासा की तरफ से चार अंतरिक्ष यात्री फिर से चांद पर भेजे जाएंगे. इस बार जो चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर जाएंगे उनमें क्रिस्टीना कोच मिशन के लिए नियुक्त पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनेंगी.

इसी के साथ विक्टर ग्लोवर पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री होंगे. जो कि अंतरिक्ष यात्री रीड विस्मैन और जेरेमी हैनसेन के साथ रवाना होंगे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का यह मिशन साल 2024 के अंत में या फिर साल 2025 की शुरुआत में लॉन्‍च होगा. मून मिशन के लिए चुने जाने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच एक इंजीनियर हैं, जिनके नाम किसी महिला द्वारा सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड है.

उन्होंने पहली ऑल-फीमेल स्पेसवॉक में भाग लिया. विक्टर ग्लोवर, जिन्हें नासा ने आर्टेमिस II के पायलट के रूप में नामित किया है,  वह चंद्र मिशन पर भेजे जाने वाले पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री होंगे. जेरेमी हैनसेन, एक रॉयल कैनेडियन वायु सेना के कर्नल और मिशन विशेषज्ञ के रूप में चांद पर जाने के लिए चुने गए पहले कैनेडियन हैं. इस अभियान में शामिल 47 साल के रीड वाइसमैन यूएस नेवी में पायलट हैं.

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