“असंवेदनशील”: पाकिस्तान पर जावेद अख्तर की 26/11 टिप्पणी पर बोले अली जफर
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते से आये लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने शहर में कई जगहों पर हमले किये थे, जिनमें 166 लोगों की मौत हो गयी थी.
पाकिस्तान गायक और अभिनेता अली जफर ने जावेद अख्तर का नाम लिए बिना कहा कि आतंकवाद से पाकिस्तान लगातार पीड़ित रहा है, असंवेदनशील टिप्पणी से भावनाओं को गहरी ठेस पहुंच सकती है. दरअसल भारत के प्रसिद्ध गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में आयोजित सातवें फैज उत्सव के दौरान कहा था कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के गुनहगार नॉर्वे या मिस्र से नहीं आये थे, बल्कि पाकिस्तान में अब भी खुलेआम घूम रहे हैं और जब भारत 2008 की इस भयावह घटना की बात करता है, तो पाकिस्तानियों को बुरा नहीं मानना चाहिए.
इस मामले पर अली जफर ने गुरुवार शाम एक इंस्टाग्राम पोस्ट में अख्तर का नाम लिए बिना कहा, “मुझे गर्व है कि मैं एक पाकिस्तानी हूं और स्वाभाविक रूप से कोई भी पाकिस्तानी अपने देश या लोगों के खिलाफ किसी भी बयान की सराहना नहीं करेगा. हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद के कारण पाकिस्तान ने कितना कुछ सहा है और भुगत रहा है और इस तरह की असंवेदनशील और अनावश्यक टिप्पणी से बहुत से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकता है.
42 वर्षीय गायक ने कहा कि “मैं आप सभी से प्यार करता हूं और वास्तव में आपकी प्रशंसा और आलोचना को समान रूप से महत्व देता हूं. लेकिन मैं हमेशा एक बात का अनुरोध करता हूं – किसी भी निष्कर्ष या निर्णय पर पहुंचने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें. मैं फैज उत्सव में मौजूद नहीं था और न ही अगले दिन तक यह जानता था कि क्या कहा गया था.
अख्तर ने कार्यक्रम में यह भी कहा था कि नुसरत फतेह अली खान और मेहदी हसन जैसे पाकिस्तानी कलाकारों का भारत में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने कभी लता मंगेशकर का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया. उन्होंने श्रोताओं की तालियों के बीच कहा, ‘‘हमने नुसरत फतेह अली खान और मेहदी हसन के बड़े समारोह आयोजित किये. आपने (पाकिस्तान ने) कभी लता मंगेशकर का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया.”
मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते से आये लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने शहर में कई जगहों पर हमले किये थे, जिनमें 166 लोगों की मौत हो गयी थी.