नामीबिया के बाद अब साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाए जा रहे कूनो, सेना के कार्गो विमान में आएंगे

बड़े बाड़ों में स्थानांतरित करने से पहले कम से कम एक महीने के 12 चीतों को बाड़े में ही खाना दिया जाएगा. इनके आने के बाद नामीबिया से आए कुछ चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जा सकता है.

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर से चीतों का कुनबा बढ़ने जा रहा है. नामीबिया से लाकर बसाए गए 8 चीतों के बाद अब साउथ अफ्रीका से 12 चीते कूनो लाए जा रहे हैं. अफ्रीकन चीतों को कूनो में लाने के लिए भारत से 4 लोगों का एक विशेष दल भी साउथ अफ्रीका पहुंच चुका है.

साउथ अफ्रीका से कूनो आने वाले खास मेहमानों के लिए 30 गुणे 50 के 10 अलग-अलग बाड़े तैयार हैं. इन्हें लगभग बोमा की शक्ल दी गई है. साउथ अफ्रीका से 12 चीते 18 फरवरी को कूनो पहुंच जाएंगे, जिसमें 7 नर और 5 मादा हैं. इन्हें भारतीय वायु सेना के कार्गो विमान में जोहान्सबर्ग से ग्वालियर ले जाया जाएगा, वहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से वो कूनो पहुंचेंगे.

बड़े बाड़ों में स्थानांतरित करने से पहले कम से कम एक महीने के 12 चीतों को बाड़े में ही खाना दिया जाएगा. इनके आने के बाद नामीबिया से आए कुछ चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जा सकता है. एनडीटीवी से बातचीत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संकेत दिया था कि फरवरी से ही चीतों को देखने पर्यटक आ सकते हैं. हालांकि किडनी की परेशानी से पीड़ित मादा चीता साशा अब बेहतर है. उसे बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया है, लेकिन अभी उसके खुले जंगल में जाने में वक्त लग सकता है.

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