उद्धव बनाम एकनाथ शिंदे केस में सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ की सुनवाई शुरू

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच जजों की संविधान बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

नई दिल्ली: 

महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे विवाद मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ ने सुनवाई शुरू कर दी है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच जजों की संविधान बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

पिछले दिनों सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था, लेकिन अयोग्यता के मुद्दे को संविधान पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था. मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं. इस पर भी सुनवाई की जरूरत है.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से शिवसेना के सदस्यों के खिलाफ जारी किए गए नए अयोग्यता नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए भी कहा था. उद्धव ठाकरे गुट ने मामले को सात जजों को भेजे जाने की मांग की. स्पीकर के अधिकार और विधायकों की अयोग्यता पर सात जजों का पीठ विचार करने की मांग की गई.  हालांकि राज्यपाल की ओर से इसका विरोध किया गया.

सुप्रीम कोर्ट पांच जजों का पीठ दस जनवरी को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट तभी तय करेगा कि मामले को सात जजों के पास भेजा जाए या नहीं. सुनवाई के दौरान शिंदे ग्रुप की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा अरूणाचल प्रदेश मामले में नेबाम रेबिया फैसले को सात जजों की बेंच के पास भेजने की जरूरत है. संविधान पीठ द्वारा लिए गए दृष्टिकोण की सत्यता की फिर से जांच करने की आवश्यकता है.

नेबाम रेबिया के फैसले में, SC ने कहा था कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए एक स्पीकर  के लिए संवैधानिक रूप से यह अस्वीकार्य है, जब स्पीकर के कार्यालय से खुद को हटाने के लिए प्रस्ताव का नोटिस लंबित हो. हालांकि राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि पांच जजों को ही सुनवाई करनी चाहिए.  दरअसल दोनों गुटों ने दूसरे गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस जारी किया हुआ है.

पिछले दिनों सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था, लेकिन अयोग्यता के मुद्दे को संविधान पीठ में सुनवाई के लिए भेजा था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं, इस पर भी सुनवाई की जरूरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।