दिल्ली से किडनैप किए गए बच्चे का शव मेरठ से बरामद, परिवार ने सड़क की जाम, आरोपी गिरफ्तार

बच्चे की हत्या की जानकारी मिलने के बाद उसके घरवालों ने प्रीत विहार इलाके में विकास मार्ग जाम कर दिया. जाम खुलवाने पहुंची पुलिस पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव भी किया.

नई दिल्ली: 

दिल्ली के प्रीत विहार इलाके से एक पड़ोसी ने तीन साल के बच्चे की गला काटकर हत्या कर दी. आरोपी पड़ोसी नाबालिग के गिरफ्तार होने के बाद वारदात का खुलासा हुआ है. इस मामले में आशंका जताई जा रही है कि आरोपी ने तांत्रिक क्रिया को पूरा करने के लिए उसकी बलि दी है. आरोपी की निशानदेही पर बच्चे का शव दो हिस्सों में मेरठ से बरामद किया गया है. दिल्ली पुलिस की टीम ने मंगलवार को मेरठ में ही शव का पोस्टमार्टम करवाया है. इधर, बच्चे की हत्या की जानकारी मिलने के बाद उसके घरवालों ने प्रीत विहार इलाके में विकास मार्ग जाम कर दिया. जाम खुलवाने पहुंची पुलिस पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव भी किया.

पुलिस के मुताबिक मृतक बच्चा अपने परिवार के साथ चित्रा विहार की ‌झुग्गियों में रहता था. परिवार में माता-पिता के अलावा सात और पांच साल की दो बहनें हैं. बच्चे का पिता रिक्शा चलाता है जबकि मां घरों में साफ-सफाई का काम करती है. परिवार के लोगों पुलिस को 30 नवंबर को दी शिकायत में बताया कि बच्चा 30 नवंबर की शाम को अपनी बहनों के साथ घर के बाहर खेल रहा था. कुछ देर बाद वहां पड़ोस में रहने वाला एक नाबालिग पहुंचा और बच्चे को चीज दिलाने के बहाने से अपने साथ ले गया. जब बच्चे की बहन ने आरोपी को देखा तो अपने भाई को रोका और नाबालिग को उसे न ले जाने के लिए कहा. लेकिन आरोपी ने बच्चे को चीज दिलाने के बाद घर छोड देने की बात कही और अपने साथ ले गया.

इसके बाद से वह बच्चा घर वापस नहीं लौटा. जिसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, बच्चे की कोई जानकारी नहीं मिलने पर परिवार ने प्रीत विहार थाना पुलिस को शिकायत दी. पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी की तलाश शुरू की.  पुलिस ने आरोपी की तलाश में कई जगह छापेमारी की और सोमवार शाम को आरोपी को पकड़ लिया. पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि उसने मासूम की हत्या कर शव को इंचौली के गांव नंगली-ईसा में फेंक दिया है. मंगलवार देर शाम बच्चे के परिवार के लोग प्रीत विहार थाने पहुंचे.

जहां से बच्चे के शव के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई तो परिजनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शन करते हुए सभी लोग विकास मार्ग पर आ गए. पुलिस ने लोगों को हटाने की कोशिश की तो लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस टीम मेरठ के इंचौली, गांव नंगली-ईसा पहुंची. जहां मेरठ पुलिस ने पहले बच्चे का बिना सिर वाला धड़ बरामद किया गया. जांच का दायरा बढ़ाया गया तो धड़ से काफी दूर सिर भी पुलिस को मिल गया. उसे जानवर नोंच रहे थे. शव से एक हाथ भी गायब था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।