पत्रकार शिवांगी ठाकुर ने कमेंट किया कि याद रहे, पत्रकारिता का कभी ‘अंत’ नहीं होता। राकेश शाहू ने लिखा – प्लेटफॉर्म बदला है, तेवर नहीं। उम्मीद है कि क्रांति जारी रहेगी। जय हो। इकबाल बुलंद हो। पुनीत कुमार सिंह द्वारा लिखा गया कि ईमानदारी बिकाऊ नही होती है। कांग्रेस नेता संदीप सिंह ने कमेंट किया,”गोदी मीडिया से लड़ना है, रवीश जरूरी है।” @ChauhansThought नाम के एक यूज़र द्वारा लिखा गया कि पत्रकारिता करनी हो तो रवीश कुमार के जैसे करिए… जिसको रोकने के लिये चैनल ही ख़रीदाना पड़े..और.. अपनी क़ीमत भी रवीश कुमार जैसी बनाओ.. जिसको ख़रीदने के लिये सभी लोग लगे हों लेकिन सभी फ़ेल हो जायें।
जानकारी के लिए बता दें कि रवीश कुमार के इस्तीफे (Ravish Kumar Resigns From NDTV) के बाद से सोशल मीडिया पर #रवीशकुमार और #यूट्यूबचैनल ट्रेंड हो रहा है। इस हैशटैग के साथ लाखों लोग अपनी बातें लिख रहे हैं। गौरतलब है कि रवीश कुमार ने अपने यूट्यूब चैनल लिखा है कि मैंने इस्तीफ़ा दे दिया है। यह इस्तीफ़ा आपके सम्मान में है। आप दर्शकों का इक़बाल हमेशा बुलंद रहे। आपने मुझे बनाया। आप ने मुझे सहारा दिया। करोड़ों दर्शकों का स्वाभिमान किसी की नौकरी और मजबूरी से काफ़ी बड़ा होता है। मैं आपके प्यार के आगे नतमस्तक हूं।