लखनऊ में फिर खौफ, दो कुत्तों ने महिला को नोंचा, लगाने पड़े 14 टांके; मालिक पर मुकदमा

लखनऊ के मड़ियांव के रहीमनगर डुडौली में 15 दिन पहले सुबह टहलने निकली महिला को दो कुत्तों ने कई जगह नोंच डाला। उनके हाथ और पैर में कई जगह पर गहरे घाव हो गये। घर वालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।

लखनऊ के मड़ियांव के रहीमनगर डुडौली में 15 दिन पहले सुबह टहलने निकली महिला को दो कुत्तों ने कई जगह नोंच डाला। उनके हाथ और पैर में कई जगह पर गहरे घाव हो गये। घर वालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनके 14 टांके लगे।

इस साल जुलाई महीने में ही लखनऊ के बंगाली टोला इलाके में दुनिया के कुत्ते की सबसे खूंखार नस्ल पिटबुल कुत्ते के हमले में मालकिन की मौत की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। 80 साल की महिला को उनके पालतू कुत्ते ने नोच-नोचकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। महिला के पास पिट बुल (Pitbull Dog) नस्ल का कुत्ता था जो सबसे खूंखार कुत्ता माना जाता है। महिला को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया था।

सोमवार को मड़ि‍यांव क्षेत्र में दो कुत्‍तों के हमले की शिकार हुई पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि मोहल्ले के ही एक परिवार के कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान कुत्ते के मालिक ने अपना दूसरा कुत्ता भी उन पर छोड़ दिया था। मोहल्ले वालों के विरोध पर आरोपित उनका इलाज कराने को तैयार हुये पर बाद में मुकर गये। ठीक होने के बाद उन्होंने अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत दर्ज करायी। आयोग के आदेश पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रहीमनगर डुडौली में रहने वाली अतीकुन्निसा (52) के मुताबिक वह 16 अक्तूबर को सुबह पड़ोस की तीन चार महिलाओं के साथ टहल रही थी। घर के थोड़ा आगे पहुंची ही थी कि वहीं रहने वाली मालती के पति अपने दोनों कुत्तों को टहलाते दिखे। इनके एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। उसने उन्हें कई जगह नोच लिया। मालती के पति ने उन्हें बचाने की बजाय अपना दूसरा कुत्ता भी छोड़ दिया। दोनों कुत्तों ने उनके हाथ और पैर में कई जगह गहरे घाव कर डाले। चीख पुकार सुनकर आस पास के लोगों ने उन्हें कुत्तों से बचाया।

पीड़िता अतीकुन्निसा के पति मो. अशरफ ने पुलिस को बताया कि पत्नी को खून से लथपथ देखकर मालती के घर वाले इलाज के लिये तैयार हो गये। उन्हें बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेन्टर ले जाने को कहा। इस पर वह लोग आनाकानी करने लगे और बिना इलाज कराये ही चले गये। उन्होंने किसी तरह पत्नी का इलाज कराया। उन्हें 14 टांके लगे। इंस्पेक्टर मड़ियांव अनिल कुमार का कहना है कि अल्पसंख्यक आयोग के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।